रांची: राज्य सरकार ने झारखंड आंदोलन से जुड़े आंदोलनकारियों व उनके आश्रितों की पहचान के लिए एक आयोग का गठन किया था. चार जून को झारखंड-वनांचल आंदोलनकारी चिह्न्ीकरण आयोग के गठन की अधिसूचना जारी की गयी थी.
रूटीन कार्यो को छोड़ अब इस आयोग का काम ठप है. आयोग के अध्यक्ष रिटायर्ड जस्टिस विक्रमादित्य प्रसाद ने इस्तीफा (सरकार द्वारा अभी स्वीकार नहीं) दे दिया है. आयोग के कर्मचारियों को छह माह से वेतन भी नहीं मिला है.
आयोग के प्रति सरकार का उपेक्षित रवैया है. आंदोलनकारियों के आवेदन रैक पर खुले में रखे हुए हैं. एक अध्यक्ष व दो सदस्यों वाले इस आयोग को आंदोलनकारियों की पहचान के लिए एक वर्ष का समय दिया गया था, लेकिन गृह विभाग की सुस्ती से यह छह माह विलंब से शुरू हुआ. चार से 13 जून तक आयोग ने 1300 आंदोलनकारियों की प्रारंभिक सूची जारी की. उधर फरवरी-13 से अब तक आयोग के अध्यक्ष व दो सदस्यों (जेएमएम के सुधीर महतो व बीजेपी के लक्ष्मण टुडू) सहित कुल 21 कर्मचारियों को वेतन नहीं मिला है. जमा पड़े लगभग 50 हजार आवेदनों में से 25 हजार पर विचार किया जाना बाकी है.