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राष्ट्रीय शहरी स्वास्थ्य मिशन 14 शहरों में

रांची: राष्ट्रीय शहरी स्वास्थ्य मिशन (नेशनल अरबन हेल्थ मिशन या एनयूएचएम) पहले चरण में राज्य के 14 शहरों में लागू होगा. कम से कम 50 हजार की आबादी वाले शहरों में इसे लागू होना है. झारखंड में खूंटी व सिमडेगा को छोड़ 22 जिला मुख्यालयों (शहरों) की आबादी 50 हजार से अधिक है. इस तरह […]

रांची: राष्ट्रीय शहरी स्वास्थ्य मिशन (नेशनल अरबन हेल्थ मिशन या एनयूएचएम) पहले चरण में राज्य के 14 शहरों में लागू होगा. कम से कम 50 हजार की आबादी वाले शहरों में इसे लागू होना है. झारखंड में खूंटी व सिमडेगा को छोड़ 22 जिला मुख्यालयों (शहरों) की आबादी 50 हजार से अधिक है. इस तरह शेष आठ शहरों में एनयूएचएम अगले चरण में लागू होगा. अभी चालू वित्तीय वर्ष के अगले छह माह के लिए इस कार्यक्रम के तहत स्वास्थ्य विभाग ने 41 करोड़ खर्च करने की योजना बनायी है. इसके लिए 75 फीसदी केंद्र व शेष 25 फीसदी राज्य सरकार वहन करेगी. अगस्त में योजना का विवरण केंद्र सरकार को भेजने के बाद सितंबर तक उक्त बजट पर सहमति मिलने की उम्मीद है. इसके बाद शहरी गरीबों को स्वास्थ्य सुविधा मुहैया कराने वाला एनयूएचएम झारखंड में लागू हो जायेगा.

एनयूएचएम को तकनीकी मदद कर रही संस्था हेल्थ फोर अरबन पीपुल (एचयूपी), प्लान इंडिया के मुताबिक योजना के तहत नेशनल रूरल हेल्थ मिशन (एनआरएचएम) की तर्ज पर ही मातृ-शिशु स्वास्थ्य सहित अन्य कार्यक्रम संचालित होंगे. एनयूएचएम की गाइडलाइन के अनुसार शहरों में स्लम एरिया व वार्ड पर यह कार्यक्रम फोकस होगा.

यहां 20 से 100 घरों पर महिला आरोग्य समिति का गठन होगा. 200 से 500 घरों के लिए एनआरएचएम की सहिया की तरह स्वास्थ्य कार्यकर्ता व प्रति 10-12 हजार की आबादी पर एक एएनएम होगी. शहर की 50 हजार आबादी के लिए 30 बेडवाला शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र (पीएचसी) खोला जाना है. जमीन मिलने व शहरी पीएचसी के निर्माण होने तक पीपीपी मोड में निजी अस्पताल या नर्सिग होम से पीएचसी की सुविधा दी जायेगी. इसके बाद सदर अस्पताल व राज्य के तीन शहरों (रांची, जमशेदपुर व धनबाद) के मेडिकल कॉलेजों में रेफरल सुविधा मिलेगी.

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