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झारखंड में 60% शादियां 18 वर्ष से पूर्व

रांची: राष्ट्रीय परिवार व स्वास्थ्य सर्वेक्षण (एनएचएफएस)-3 के आंकड़े बताते हैं कि झारखंड में बाल विवाह बड़ी समस्या है. बिहार और झारखंड में 60 प्रतिशत शादियां निर्धारित उम्र से पहले के रूप में दर्ज की गयी हैं. झारखंड में 16.2 वर्ष से लेकर 16.8 वर्ष तक की बच्चियों का विवाह होने की बात सर्वेक्षण में […]

रांची: राष्ट्रीय परिवार व स्वास्थ्य सर्वेक्षण (एनएचएफएस)-3 के आंकड़े बताते हैं कि झारखंड में बाल विवाह बड़ी समस्या है. बिहार और झारखंड में 60 प्रतिशत शादियां निर्धारित उम्र से पहले के रूप में दर्ज की गयी हैं.

झारखंड में 16.2 वर्ष से लेकर 16.8 वर्ष तक की बच्चियों का विवाह होने की बात सर्वेक्षण में पायी गयी है. राष्ट्रीय औसत की तुलना में कम है. एनएचएफएस की मानें, तो गरीबी व अशिक्षा के कारण यहां बाल विवाह अधिक हो रहे हैं.

ज्यादातर लड़कियों का विवाह यहां माध्यमिक शिक्षा के दौरान ही हो रहा है. जातीय और वर्ण व्यवस्था से भी इस सामाजिक कुरीति को बढ़ावा मिला है. एनएचएफएस-2 व एनएचएफएस-3 के हिसाब से अनुसूचित जाति, पिछड़ी जाति के परिवारों में यह प्रचलन अधिक है. ग्रामीण इलाकों में बाल विवाह का प्रचलन अधिक है. यहां 56 प्रतिशत लड़कियों का विवाह निर्धारित उम्र से पूर्व हो रहा है, जबकि शहरी क्षेत्रों में यह आंकड़ा 29 प्रतिशत के आसपास है.

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