रांची: कोल इंडिया की सभी कंपनियों में 19 से 21 सितंबर तक हड़ताल होगी. सीटू से संबद्ध ऑल इंडिया कोल वर्कर्स फेडरेशन ने बुधवार को हड़ताल की नोटिस कोल इंडिया प्रबंधन को दिया है. फेडरेशन के अध्यक्ष सह सांसद वासुदेव आचार्या तथा महासचिव सह पूर्व सांसद जीवन राय के हस्ताक्षर से नोटिस जारी की गयी है.
इसमें कहा गया है कि फेडरेशन कोल इंडिया के 10 फीसदी विनिवेश की किसी प्रक्रिया का विरोध करता है. कोल इंडिया के पुनर्गठन के नाम पर इसे तोड़ने की साजिश है. इसके बाद इसका निजीकरण किया जायेगा. इस प्रक्रिया में फेडरेशन साथ नहीं हो सकता है. उन्होंने कोयला मंत्रलय से आग्रह किया कि वे इस प्रक्रिया पर तत्काल रोक लगाये. उन्होंने याद दिलाया गया कि नौवें वेतन समझौते के समय कहा गया था कि 10 फीसदी से अधिक विनिवेश नहीं होगा. इसके बाद भी यह प्रक्रिया हो रही है. इस कारण आंदोलन की घोषणा की जा रही है. उन्होंने कहा कि कोयला श्रमिकों की संख्या रेलवे के बाद दूसरे स्थान पर है.
बीएमएस व इंटक का एजेंडा एक
द झारखंड कोलियरी मजदूर यूनियन ने कहा है कि बीएमएस और इंटक एक एजेंडा पर काम कर रहे हैं. उनकी आर्थिक नीति एक है. महासचिव सनत मुखर्जी ने कहा है कि दोनों चाहते हैं कि कोल इंडिया का विनिवेश हो. इंटक के एक नेता को पहले से पता था कि 25 फीसदी तक विनिवेश होगा. उन्होंने कभी इसे रोकने की कोशिश नहीं की. मजदूरों को विनिवेश के एवज में होनी वाली सुविधा चाहिए.