गुवाहाटी. असमिया रंगमंच की जानी मानी हस्ती और संगीत नाट्य अकादमी से पुरस्कृत दुलाल राय की 50 से अधिक वर्षों की रंगमंच यात्रा को राज्य में अपनी तरह की पहली छह दिवसीय फोटोग्राफी प्रदर्शनी के जरिये दर्शाया गया है. ‘इंडल्जेंस ऑफ द स्पिरिट’ नामक यह अनूठी प्रदर्शनी 17 फरवरी को स्टेट आर्ट गैलरी में शुरू हुई, जिसमें देश भर में प्रस्तुत किये गये करीब 40 नाटकों के 122 चित्रों को दर्शाया गया है. राय ने कहा, ‘मुझे बहुत अच्छा लग रहा है. मुझे पुराने दिन याद आ गये. यह संस्मरण है. इस शो में मित्रों और परिवार वालों ने मेरी काफी मदद की है.’ कहा कि मुझे लगता है कि युवा फोटोग्राफरों को भी यहां आकर प्रदर्शनी देखनी चाहिए. उन्हें यह महसूस करना चाहिए कि फोटोग्राफी का एक अन्य आयाम या विशेषता हो सकती है और वह है-रंगमंच की फोटोग्राफी.’ वर्ष 1972 में दिल्ली से असम लौटने के बाद से राय ने कारेनगोर लिगिरी, सिराज, अंधा युग, आधे अधूरे, आषाढ़ का एक दिन, द लेसन, भोगजोरा, हैमलेट, सरकारी इंस्पेक्टर और वेटिंग फॉर गोडोट जैसी 70 से अधिक रंगमंच प्रस्तुतियां दीं. निर्देशन के अलावा वह अपनी प्रस्तुतियांे में लाइट डिजाइन, संगीत और स्टेजक्राफ्ट से भी जुड़े रहे.
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फोटोग्राफी के जरिये दुलाल राय की रंगमंच यात्रा
गुवाहाटी. असमिया रंगमंच की जानी मानी हस्ती और संगीत नाट्य अकादमी से पुरस्कृत दुलाल राय की 50 से अधिक वर्षों की रंगमंच यात्रा को राज्य में अपनी तरह की पहली छह दिवसीय फोटोग्राफी प्रदर्शनी के जरिये दर्शाया गया है. ‘इंडल्जेंस ऑफ द स्पिरिट’ नामक यह अनूठी प्रदर्शनी 17 फरवरी को स्टेट आर्ट गैलरी में शुरू […]
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