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एक महीने से चल रही थी कोशिश
विधायकी का सर्टिफिकेट लेने के बाद से ही सरकार में जाने के लिए बेताब थे ये विधायक, भाजपा ने भांपा कांग्रेस के विधायक भी थे निशाने पर, झाविमो को पहले तोड़ने में रहे कामयाब भाजपा से नजदीकी में एक व्यवसायी ने निभायी भूमिका रांची : विधानसभा चुनाव परिमाण के बाद ही झाविमो-कांग्रेस को तोड़ने की […]
विधायकी का सर्टिफिकेट लेने के बाद से ही सरकार में जाने के लिए बेताब थे ये विधायक, भाजपा ने भांपा
कांग्रेस के विधायक भी थे निशाने पर, झाविमो को पहले तोड़ने में रहे कामयाब
भाजपा से नजदीकी में एक व्यवसायी ने निभायी भूमिका
रांची : विधानसभा चुनाव परिमाण के बाद ही झाविमो-कांग्रेस को तोड़ने की मुहिम शुरू हो गयी थी. झाविमो शॉफ्टटारगेट निकला. झाविमो विधायक भी विधायकी का सर्टिफिकेट लेने के बाद से ही भाजपा में जाने को बेताब थे. भाजपा ने इसको भांप लिया.
भाजपा के कई नेताओं को इन विधायकों को तोड़ने का टास्क मिला. पूरी मुहिम में भाजपा के एक बड़े व्यवसायी नेता ने महत्वपूर्ण भूमिका निभायी. विधायकों से संपर्क साधने और प्रदेश के बड़े नेताओं से मिलवाने की जिम्मेवारी रही. पिछले दिनों इन विधायकों को अलग-अलग ठिकाने पर प्रदेश के बड़े नेता से मिलवाया गया. इन सभी छह विधायकों से अलग-अलग बात की गयी. इसके बाद सामूहिक रूप से इनसे बात हुई. पूरे प्रकरण पर प्रदेश प्रभारी को फीडबैक दिया जाता रहा.
अमित शाह से बाबूलाल मरांडी के मिल कर लौटने के बाद मुहिम ने और तेज पकड़ा. झाविमो ने जब भाजपा से विलय से इनकार किया, उसके बाद प्रदीप यादव को छोड़ कर सभी विधायकों से संपर्क किया गया.
भाया-कोलकाता दिल्ली पहुंचे विधायक : सोमवार को विधायकों के दिल्ली पहुंचने की सूचना थी. भाजपा के व्यवसायी नेता को विधायकों को कोलकाता लेकर पहुंचने की जिम्मेवारी दी गयी थी. अलग-अलग रास्ते से विधायक कोलकाता पहुंचे थे. तीन विधायक एक साथ गये थे. गणोश गंझू बाद में पहुंचे. रणधीर सिंह और जानकी यादव अगले दिन कोलकाता पहुंचे. सोमवार को रणधीर अपने क्षेत्र में देखे गये थे. वह देर शाम सारठ से निकले.
नवीन जायसवाल थे लीडर : झाविमो के विधायक नवीन जायसवाल बागियों के लीडर थे. सभी विधायकों से बात बढ़ने के बाद इन विधायकों को गोलबंद करने की जिम्मेवारी नवीन जायसवाल की थी. नवीन जायसवाल भी भाजपा के टास्क को बखूबी निभा रहे थे. झाविमो को अंधेरे में रख कर तरीके से काम किया.
नवीन जायसवाल के साथ आलोक चौरसिया साथ आये. इसके बाद दूसरे विधायक जुड़ते चले गये. नवीन जायसवाल, आलोक चौरसिया के बाद भाजपा के एक नेता ने गणोश गंझू को मनाने का काम किया.
रणधीर और जानकी ने की हार्ड बार्गेनिंग : विधायक रणधीर सिंह और जानकी यादव ने भाजपा से हार्ड बार्गेनिंग की. ये दोनों विधायक इधर-उधर कर रहे थे. सोमवार की शाम ये विधायक कोलकाता के लिए निकले थे. इसके बाद कोलकाता में सभी छह विधायक जुटे.
प्रकाश राम नहीं टूटे : विधायक प्रकाश राम पर भी डोरे डाले गये थे, लेकिन प्रकाश राम नहीं टूटे. भाजपा के कई नेताओं ने प्रकाश राम से संपर्क साधा था. सोमवार को पार्टी की बैठक से पहले प्रकाश राम पर भारी दबाव बनाया गया. बागी विधायकों ने भी प्रकाश राम को मनाने का प्रयास किया, लेकिन वह तैयार नहीं हुए.
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