इनमें से कई छह वर्ष बाद भी अधूरे हैं. विभाग बजट रिवाइज्ड (पुनरीक्षित) कर खर्च बढ़ा रहा है. मालूम हो कि राज्य में 188 सीएचसी हैं. इनमें 155 केंद्रों में नया भवन बनाया जा रहा है. एनआरएचएम के तहत 22 और राज्य योजना के तहत 133 केंद्रों का निर्माण हो रहा है.
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निर्माण कार्य की धीमी प्रगति से स्वास्थ्य सचिव खफा, कहा समय सीमा में करें काम
रांची: स्वास्थ्य सचिव के विद्यासागर ने विभाग के निर्माणाधीन स्वास्थ्य केंद्रों व अस्पतालों की समीक्षा की. इस दौरान सचिव कार्य की धीमी प्रगति से खफा दिखे. उन्होंने उपस्थित अभियंताओं व अधिकारियों से कहा कि अब तय समय सीमा में काम नहीं कर पाने व देरी के लिए दोषी पाये जाने पर उनके खिलाफ कार्रवाई होगी. […]
रांची: स्वास्थ्य सचिव के विद्यासागर ने विभाग के निर्माणाधीन स्वास्थ्य केंद्रों व अस्पतालों की समीक्षा की. इस दौरान सचिव कार्य की धीमी प्रगति से खफा दिखे. उन्होंने उपस्थित अभियंताओं व अधिकारियों से कहा कि अब तय समय सीमा में काम नहीं कर पाने व देरी के लिए दोषी पाये जाने पर उनके खिलाफ कार्रवाई होगी. गौरतलब है कि स्वास्थ्य विभाग वर्ष 2006-07 से विभिन्न स्वास्थ्य केंद्रों का निर्माण करा रहा है.
कौन सी एजेंसी कर रही है निर्माण
एनआरएचएम इंजीनियरिंग सेल व जिला एजेंसी के माध्यम से बन केंद्र बना रहा है, जबकि राज्य योजना वाले केंद्रों का निर्माण स्वास्थ्य विभाग विभिन्न एजेंसियों (एचएससीएल, एनबीसीसी, इंजीनियरिंग सेल, विशेष प्रमंडल, भवन निर्माण व आरइओ) से करा रहा है.
केंद्र निर्माण की लागत में अंतर
एनआरएचएम के तहत बने सीएचसी की लागत 3.18 करोड़ से 3.53 करोड़ के बीच है. वहीं राज्य योजना मद से इसका निर्माण पांच करोड़ तक की लागत से हो रहा है. यानी दोनों सीएचसी की लागत में करीब 1.5 करोड़ का अंतर है, जबकि राज्य योजना मद के ज्यादातर सीएचसी के लिए जमीन शुरुआत में ही मिल गयी थी.
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