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Friday, March 29, 2024

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सरकार वापस ले भूमि अधिग्रहण अध्यादेश, नहीं तो किसी भी हद तक जायेंगे : झामुमो

36वां स्थापना दिवस : झामुमो ने जारी किया 45 सूत्री प्रस्ताव दुमका में हुई सभा रैली निकाली गयी दुमका : झामुमो के 36 वें स्थापना दिवस पर पार्टी ने 45 सूत्री प्रस्ताव पारित किये हैं. पार्टी ने केंद्र सरकार के भूमि अधिग्रहण अध्यादेश को अविलंब वापस लेने की मांग की है. राज्य में स्थानीयता की […]

36वां स्थापना दिवस : झामुमो ने जारी किया 45 सूत्री प्रस्ताव
दुमका में हुई सभा रैली निकाली गयी
दुमका : झामुमो के 36 वें स्थापना दिवस पर पार्टी ने 45 सूत्री प्रस्ताव पारित किये हैं. पार्टी ने केंद्र सरकार के भूमि अधिग्रहण अध्यादेश को अविलंब वापस लेने की मांग की है. राज्य में स्थानीयता की नीति को परिभाषित किये बगैर सरकारी पदों पर नियुक्ति की प्रक्रिया पर रोक लगाने और कोल इंडिया, डीवीसी सहित अन्य सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों का मुख्यालय झारखंड में लाने की भी मांग की है. पार्टी के इस 45 सूत्री प्रस्ताव को स्मार पत्र के रूप में सरकार को सौंपा जायेगा.
देर रात हुई सभा : स्थापना दिवस पर दुमका के एसपी कॉलेज मैदान से झामुमो की रैली निकाली गयी. विधायक स्टीफन मरांडी और नलिन सोरेन ने रैली को रवाना किया. देर रात दुमका के गांधी मैदान में सभा का आयोजन किया गया.
रैली को संबोधित करते हुए हेमंत सोरेन ने कहा कि भूमि अधिग्रहण अध्यादेश को वापस नहीं लिया गया, तो झामुमो किसी भी हद तक जाने के लिए तैयार होगा. हेमंत सोरेन राज्य सरकार पर जम कर बरसे. कहा : सरकार दिल्ली से चल रही है. इस सरकार को दिल्ली के ही चक्कर लगाने पड़ा रहे हैं. आदिवासियों-मूलवासियों को नजरअंदाज करना खतरनाक है.
लोगों के दमन का प्रयास : सभा को संबोधित करते हुए हेमंत सोरेन ने कहा : राज्य के लोगों के दमन का प्रयास हो रहा है. राज्य की खनिज संपदा और अस्मिता के साथ झामुमो खिलवाड़ नहीं होने देगा. झामुमो आंदोलन करना अच्छे से जानता है. पुलिस बहाली में हमने जिला स्तर पर रोस्टर बनाया था, जिसमें प्रावधान था कि राज्य के शैक्षणिक संस्थानों में पढ़े-लिखे आदिवासी-मूलवासी नौजवानों को ही इसका लाभ मिले. पर इसे बदल दिया गया है. सरकार उद्योगपतियों की मदद कर रही है. उन्होंने कार्यकर्ताओं से मौजूदा राजनीतिक हालात और सरकार के कार्यकलापों को लेकर संघर्ष करने का आह्वान किया है.
अध्यादेश वापस नहीं लिया, तो किसी भी हद तक जायेंगे : हेमंत
क्या है प्रस्ताव में
– सीएनटी व एसपीटी एक्ट का सख्ती से अनुपालन किया जाये. इनमें संशोधन का विरोध करेंगे
– स्थानीय नीति को परिभाषित किये बगैर नियुक्तियों पर रोक लगे
– भूमि अधिग्रहण अध्यादेश अविलंब वापस लिया जाये
– कोल इंडिया, डीवीसी सहित अन्य सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों का मुख्यालय झारखंड लाया जाये
– राज्य के सभी विद्यालयों में संताली और अन्य सभी क्षेत्रीय भाषा की पढ़ाई प्रारंभ की जाये
– तृतीय और चतुर्थ वर्गीय कर्मचारियों के पदों को पूर्ण रूप से जमाबंदी रैयतों या स्थायी निवासियों के वंशजों के लिए आरक्षित किया जाये
– कृषि को उद्योग का दरजा मिले. किसानों के लिए अत्याधुनिक तरीके से कृषि करने के लिए अच्छे किस्म के बीच, उपकरण व सिंचाई की व्यवस्था की जाये
– कृषकों को खेती के लिए 365 दिन पानी उपलब्ध करायी जाये
– विस्थापन और पुनर्वास नीति बनायी जाये. विस्थापितों को सरकारी और गैर सरकारी नौकरियों में प्राथमिकता के साथ पुनर्वास की व्यवस्था हो
– अल्पसंख्यक वित्त निगम का शीघ्र गठन किया जाये
– राज्य में पूर्ण नशाबंदी लागू करें
– वित्तरहित शिक्षा नीति समाप्त हो
– बंगला, ओड़िशा, उर्दू, संताली, मुंडारी, हो, कुटुंब, खोरठा, अंगिका, कुरमाली व अन्य स्थानीय भाषाओं को भी द्वितीय राजभाषा का सम्मान दिया जाये
– आंदोलनकारियों को शीघ्र पेंशन व सम्मान देने की व्यवस्था की जाये
– रैयतों को खनिज में मालिकाना हिस्सेदारी दी जाये
क्या है प्रस्ताव ..
– महिलाओं के अधिकार, मान-सम्मान व सुरक्षा सुनिश्चित की जाये
– खेल नीति लागू की जाये. खेल विवि की स्थापना हो
– वन की सुरक्षा व संवर्धन करते हुए ग्रामीणों की भागीदारी सुनिश्चित करायी जाये. ग्राम वन एवं प्रबंधन समिति को सशक्त किया जाये
– रोजगार की व्यवस्था की जाये. केंद्रीय योजनाओं को सख्ती से लागू की जाये.
– कुटीर उद्योगों को बढ़ावा दिया जाये. छोटे उद्योगों के लिए कम ब्याज पर ऋण उपलब्ध करायी जाये
– पंचायत प्रतिनिधियों के माध्यम से गांवों का विकास सुनिश्चित करायी जाये
– हज हाउस कडरू के अधूरे कार्यो को जल्द पूरा किया जाये
– पुनासी जलाशय योजना से विस्थापितों को उचित मुआवजा और पुनर्वास की व्यवस्था हो. जलाशय चालू किया जाये
– सोहराय, बंदना व टुडू को राजकीय पर्व घोषित किया जाये
– संताल में पत्थर उद्योग को अविलंब मजूदरों के हित में चालू कराया जाये
– दुमका में ओबीसी आरक्षण को पूर्ण रूप से लागू किया जाये
– सिदो कान्हू मुमरू विश्वविद्यालय में अविलंब मेडिकल कॉलेज की स्थापना की जाये
– दुमका में अविलंब कृषि विश्वविद्यालय की स्थापना की जाये
– संताल के प्रमंडलीय मुख्यालय में उच्च न्यायालय की खंडपीठ बनायी जाये
– दुमका में स्पोर्ट्स कांपलेक्स का निर्माण अविलंब पूरा कराया जाये
– मसानजोर के दायांतट नहर का निर्माण कर बंगाल सीमा तक मयुराक्षी नदी पर तटबंध का निर्माण व वर्तमान कैनाल का पक्कीकरण हो
– दुमका को मंदारहिल व रामपुरहाट रेलवे लाइन से जोड़ने की दिशा में तेजी लायी जाये. दुमका से कोलकाता और पटना तक रेल सेवा चालू हो
– दुमका-देवघर के बीच लोकल ट्रेन का फेरा बढ़ाया जाये. रांची इंटरसिटी में टू-टीयर कोच की व्यवस्था हो
– देवघर से पीरपैंती वाया गोड्डा रेलवे लाइन बने
– दुमका को महानगरों से सीधी रेल सेवा से जोड़ा जाये
– सिदो-कान्हू मुमरू विवि को केंद्रीय विवि का दरजा मिले
– दुमका में केंद्रीय विद्यालय की स्थापना को
– झारखंड में मल्टी स्पेशियलिटी अस्पताल के साथ-साथ सभी जिला मुख्यालय स्थित सदर अस्पतालों में आईसीयू की व्यवस्था की जाये
– झारखंड क्षेत्र के चासा जाति में एकरूपता कायम करते हुए पिछड़ी जाति का दिया जाये
– पाकुड़ में बाइपास रोड का निर्माण कराया जाये
– साहेबगंज में गंगा पर रेल और सड़क पुल का निर्माण हो
– साहेबगंज में खासमहल की व्यवस्था को समाप्त की जाये
– मलूटी के अलावा मसानजोर, तातलोइ, भालसुमर, सोमेश्वरनाथ, नुनबील, सिरसानाथ, दानीनाथ मंदिर व चुटोनाथ को पर्यटक स्थल के रूप में विकसित किया जाये
– दुमका में उड्डयन प्रशिक्षण केंद्र को तुरंत चालू किया जाये
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