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आश्वासन. कृषि मंत्री ने आइआइएनआरजी में वैज्ञानिकों से कहा, मैनपावर की नहीं होगी कमी
रांची/नामकुम: केंद्रीय कृषि मंत्री राधामोहन सिंह ने शनिवार को भारतीय प्राकृतिक राल एवं गोंद संस्थान में वैज्ञानिकों के साथ समीक्षा बैठक की़ इस दौरान श्री सिंह ने कृषि विज्ञान केंद्र के समन्वयकों को विस्वास दिलाया कि आधारभूत संरचना एवं मैनपावर की कमी नहीं होने दी जायेगी़ बैठक में कृषि संबंधी प्रशिक्षण प्राप्त किसानों का राज्य […]
रांची/नामकुम: केंद्रीय कृषि मंत्री राधामोहन सिंह ने शनिवार को भारतीय प्राकृतिक राल एवं गोंद संस्थान में वैज्ञानिकों के साथ समीक्षा बैठक की़ इस दौरान श्री सिंह ने कृषि विज्ञान केंद्र के समन्वयकों को विस्वास दिलाया कि आधारभूत संरचना एवं मैनपावर की कमी नहीं होने दी जायेगी़ बैठक में कृषि संबंधी प्रशिक्षण प्राप्त किसानों का राज्य स्तरीय सम्मेलन बुलाने पर भी बल दिया गया, ताकि विचारों का आदान-प्रदान हो तथा किसानों के बीच तकनीक संबधी जागरूकता बढ़े.
बैठक में बिरसा कृषि विश्वविद्यालय में सेंटर ऑफ एडवांस स्टडीज फॉर ट्राइबल एग्रीकल्चर एवं पूर्वी क्षेत्र अनुसंधान केन्द्र, प्लांडु, नामकुम में सेंटर ऑफ इक्सेलेंस फॉर ऑरगेनिक फार्मिग की स्थापना का भी बात की गयी.
उन्होनें बैठक के दौरान बताया कि राज्य सरकार से राष्ट्रीय स्तर के कृषि अनुसंधान संस्थान की स्थापना पर विस्तृत चर्चा हुई है तथा जमीन की उपलब्धता के लिए सर्वे किया जा रहा है. इसी वर्ष मार्च में संस्थान का शिलान्यास किया जायेगा़ मंत्री ने आइआइएनआरजी में प्रशिक्षण के लिए असम से आये किसानों के दल को लाख की खेती से जुड़े उपकरण भी प्रदान किये. किसानों ने मंत्री को पारंपरिक वस्त्र प्रदान कर सम्मानित किया. कार्यक्रम के दौरान आइआइएनआरजी के डीजी डॉ एस अयप्पन, डॉ बीपी भट्ट, डॉ एम वारियार, डॉ आरएस राठी, डॉ आर रमणी, डॉ एके सिंह, डॉ अंजेश कुमार व अन्य अधिकारी मौजूद थ़े.
कृषि विकास विजन का हुआ विमोचन
भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद ने झारखंड में कृषि विकास की रूपरेखा तैयार की है. झारखंड कृषि विकास विजन नाम से एक पुस्तक का विमोचन किया गया. शनिवार को राजधानी में आयोजित एक समारोह में राज्य के मुख्यमंत्री रघुवर दास व केंद्रीय कृषि मंत्री राधा मोहन सिंह ने इसका विमोचन किया. इसमें राज्य में कृषि की स्थिति की जानकारी दी गयी है. राज्य में कृषि के क्षेत्र में क्या-क्या काम हो सकता है, यह भी बताया गया है. इसमें राज्य में कृषि के क्षेत्र में बाधा, अवसर व चुनौतियों की जानकारी दी गयी है. इसमें अल्प व दीर्घकालीन योजना की जानकारी भी दी गयी है. कृषि के साथ-साथ पशुपालन, मत्स्य व बागवानी के क्षेत्र में होनेवाले कार्यो की जानकारी भी दी गयी है. इस मौके पर भारत सरकार के कृषि मंत्रलय में संयुक्त सचिव आरबी सिंह, राज्य के कृषि सचिव डॉ नितिन मदन कुलकर्णी, योजना विकास विभाग के सचिव अरुण कुमार सिंह, पशुपालन सचिव केके सोन, कृषि निदेशक डॉ केडीपी साहु, समेति निदेशक जटाशंकर चौधरी व अन्य
मौजूद थे.
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