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कोचिंग संस्थान एडुटेक के गुरु-शिष्य फरजी

एक अनुमान के अनुसार झारखंड से आइआइटी मेंस की परीक्षा में करीब 60 हजार विद्यार्थी शामिल होते हैं. इंजीनियर बनने की लालसा रखनेवाला लगभग हर बच्च आइआइटी की परीक्षा देता है. इस कारण आइआइटी का कोचिंग सेंटर एक बड़ा व्यवसाय बन गया है. ईमानदारी से यह व्यवसाय हो, तो ठीक है. पर कई गलत व […]

एक अनुमान के अनुसार झारखंड से आइआइटी मेंस की परीक्षा में करीब 60 हजार विद्यार्थी शामिल होते हैं. इंजीनियर बनने की लालसा रखनेवाला लगभग हर बच्च आइआइटी की परीक्षा देता है.
इस कारण आइआइटी का कोचिंग सेंटर एक बड़ा व्यवसाय बन गया है. ईमानदारी से यह व्यवसाय हो, तो ठीक है. पर कई गलत व फरजी लोगों ने इस पूरे व्यवसाय को बदनाम कर रखा है. गलत सूचनाओं के सहारे छात्र और अभिभावक को दिग्भ्रमित कर रहे हैं.
सूचना के अधिकार के तहत मिली जानकारी
संस्थान ने गलत सूचना देकर फैलाया भ्रम
संजय
रांची : रांची के सकरुलर रोड स्थित आइआइटी कोचिंग सेंटर एडुटेक ने गलत सूचना देकर आम लोगों के बीच भ्रम फैलाया है. यह संस्थान अभिजीत शिवम नाम के एक युवक को अपने संस्थान का छात्र बताते हुए दावा करता है कि उसने आइआइटी-जेइइ एडवांस 2014 की परीक्षा में फिजिक्स में देश भर में सर्वाधिक अंक पाया है.
इस कोचिंग संस्थान का कहना है कि फिजिक्स में शिवम को कुल 120 में से 116 अंक मिले और उसका ऑल इंडिया रैंक 617 वां है. यही नहीं इस संस्थान ने शिवम की इस कथित उपलब्धि को लेकर रांची में उसे और उसके पिता को सम्मानित भी किया. अपने बुकलेट में इससे संबंधित तसवीर भी छापी. आइआइटी खड़गपुर से शिवम को मिला कथित प्रशस्ति पत्र भी सार्वजनिक किया.
पर हकीकत यह है कि न तो शिवम आइआइटी-जेइइ एडवांस 2014 में फिजिक्स का टॉपर था और न ही आइआइटी खड़गपुर ने ऐसा कोई प्रशस्ति पत्र निर्गत किया है. यही नहीं, इस कोचिंग संस्थान में फिजिक्स पढ़ानेवाले शिक्षक पीके राणा दावा करते हैं कि उन्होंने आइआइटी खड़गपुर से 2011 में पास आउट किया. पर हकीकत यह है कि आइआइटी खड़गपुर में 2010, 2011 और 2012 में किसी पीके राणा ने पास आउट नहीं किया.
आइआइटी नहीं देता प्रशस्ति पत्र : सूचना के अधिकार के तहत उपलब्ध करायी गयी जानकारी के अनुसार, आइआइटी-जेइइ एडवांस-2014 में फिजिक्स विषय में सर्वाधिक अंक पानेवाले छात्र का नाम केवी व्यंकटेश सतीश (रोल नं-6007161, निबंधन संख्या-जी611207244) है. वहीं, सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, आइआइटी अपने स्तर से किसी छात्र को कोई प्रशस्ति पत्र निर्गत नहीं करता है.
सूचना के अधिकार के तहत आइआइटी खड़गपुर के प्रो पार्थ पी चक्रवर्ती (कोचिंग संस्थान के अनुसार इन्हीं के हस्ताक्षर से शिवम को प्रशस्ति पत्र मिला है) की ओर से निर्गत सभी प्रशस्ति पत्र की प्रति उपलब्ध कराये जाने की मांग की गयी. जवाब दिया गया कि इस तरह के पत्र निर्गत कराये जाने की सूचना आइआइटी खड़गपुर के पास नहीं है. जवाब में यह भी बताया गया कि 2014 की एडवांस परीक्षा में सफलता पानेवाले किसी छात्र का नाम अभिजीत शिवम नहीं है.
यानी संस्थान ने पूरी तरह फरजी किसी लड़के को आइआइटी एडवांस में सफल और फिजिक्स टॉपर बता कर अपना धंधा चमकाया.
आइआइटी का छात्र नहीं रहा पीके राणा : कोचिंग संस्थान एडुटेक में फिजिक्स पढ़ानेवाले शिक्षक पीके राणा भी कभी आइआइटी का छात्र नहीं रहा. पीके राणा ने संस्थान के बुकलेट में खुद को आइआइटी खड़गपुर से 2011 में पास आउट (इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग ब्रांच) बताया है.
पूछे जाने पर उन्होंने प्रभात खबर से भी यही बात दोहरायी. संस्थान के बुकलेट में राणा का ऑल इंडिया रैंक 279 वां बताया गया है. वहीं आइआइटी खड़गपुर की सूचना बताती है कि न सिर्फ 2011 में बल्कि 2010 से 2012 में भी पास आउट करनेवाले किसी भी छात्र का नाम पीके राणा नहीं है.
पीके राणा
संस्थान में फिजिक्स पढ़ानेवाले शिक्षक पीके राणा ने आइआइटी खड़गपुर से 2011 में नहीं किया है पास
अभिजीत
अभिजीत शिवम को फिजिक्स में सर्वाधिक अंक मिलने का दावा भी सही नहीं
एडुटेक का दावा
संस्थान का छात्र अभिजीत शिवम ने आइआइटी-जेइइ एडवांस 2014 की परीक्षा में फिजिक्स में देश भर में सर्वाधिक अंक पाया
हकीकत : इस परीक्षा में फिजिक्स में सर्वाधिक अंक पानेवाले का नाम केवी व्यंकटेश सतीश है.
संस्थान के छात्र अभिजीत शिवम को परीक्षा में 617 वां रैंक मिला
हकीकत : 2014 की एडवांस परीक्षा में सफलता पानेवाले किसी छात्र का नाम अभिजीत शिवम नहीं
संस्थान के बुकलेट पर आइआइटी खड़गपुर के प्रो पार्थ पी चक्रवर्ती की ओर से शिवम को दिये गये प्रशस्ति पत्र की कॉपी छपी है
हकीकत : आइआइटी खड़गपुर ऐसा कोई पत्र जारी नहीं करता. प्रो पार्थ पी चक्रवर्ती की ओर से जारी पत्र की सूचना भी नहीं है
संस्थान में फिजिक्स पढ़ानेवाले शिक्षक पीके राणा ने खुद को आइआइटी खड़गपुर से 2011 में पास आउट बताया. अपना रैंक 279 वां बताया है
हकीकत : आइआइटी खड़गपुर से 2010, 2011 और 2012 में इस नाम का कोई छात्र पास आउट नहीं किया
फिजिक्स पढ़ानेवाले पीके राणा और हमारे स्टूडेंट अभिजीत शिवम ने इंस्टीटय़ूट को भी अंधेरे में रखा है. हमलोग इन दोनों पर प्राथमिकी दर्ज करायेंगे.
मनोज उपाध्याय
व रवि शेखर
(सीएमयू सर और
एमआरवी सर), एडुटेक

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