विश्व बैंक ने वैश्विक आर्थिक गतिविधियों की संभावित नरमी से निपटने के लिए भारत जैसे विकासशील देशों को ‘राजकोषीय ढाल’ तैयार रखने का सुझाव दिया है. विश्व बैंक की ताजा रिपोर्ट के अनुसार, इन देशों को निर्यात कमजोर रहने, विश्व बाजार में ब्याज दरों की मजबूती और वित्तीय बाजारों की कमजोरी जैसी चुनौतियांे का सामना करना पड़ सकता है. रिपोर्ट में कहा गया है कि बहुत से विकासशील देशों को मध्यावधि में अपनी राजकोषीय स्थिति को मजबूत बनाने की जरूरत है. यह काम किस रफ्तार से हो, यह देश विशेष की स्थिति पर निर्भर करेगा. रिपोर्ट में कहा गया है कि वर्ष 2000 के बाद से विकासशील देशों की राजकोषीय नीति में चक्रीय आर्थिक उतार-चढ़ाव का मुकाबला करने के उपाय बढ़ रहे हैं. उनमें आर्थिक चक्र के साथ चलने की प्रवृत्ति घट रही है. इसी कारण 2008-09 की महामंदी से पहले विकासशील देशों ने अपनी राजकोषीय स्थिति को मजबूत किया था और उसका इस्तेमाल समय आने पर प्रोत्साहन के लिए किया गया था.
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राजकोषीय ढाल मजबूत रखें विकासशील देश (लीड का बॉक्स)
विश्व बैंक ने वैश्विक आर्थिक गतिविधियों की संभावित नरमी से निपटने के लिए भारत जैसे विकासशील देशों को ‘राजकोषीय ढाल’ तैयार रखने का सुझाव दिया है. विश्व बैंक की ताजा रिपोर्ट के अनुसार, इन देशों को निर्यात कमजोर रहने, विश्व बाजार में ब्याज दरों की मजबूती और वित्तीय बाजारों की कमजोरी जैसी चुनौतियांे का सामना […]
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