रांची: झारखंड संयुक्त प्रवेश परीक्षा में 40 प्रतिशत से कम अंक लाकर रिम्स में नामांकन लेनेवाले 32 विद्यार्थियों की परेशानी और बढ़नेवाली है. विद्यार्थी एमबीबीएस में नामांकन लेने के बाद रिम्स से पढ़ाई तो जारी रखे हैं, लेकिन उनको डिग्री मिलेगी या नहीं, इसमें संशय है. मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया ने भी अभी तक 40 प्रतिशत से कम अंक लानेवाले विद्यार्थियों पर निर्णय नहीं लिया है.
कहां फंसेगा पेंच : एमबीबीएस के चार साल के कोर्स के बाद विद्यार्थियों को इंटर्नशिप करना होता है. इसके बाद विद्यार्थियों को विश्वविद्यालय एवं एमसीआइ द्वारा एमबीबीएस की डिग्री दी जाती है. विद्यार्थी जब जेसीइसीइ से पंजीयन करने के लिए जायेंगे, तो वहां मामला फंसेगा.
फाइनल इयर में पहुंचनेवाले हैं 2009 बैच के विद्यार्थी : रिम्स में 40 प्रतिशत से कम अंक लानेवाले विद्यार्थियों का नामांकन 2009 बैच से शुरू हुआ था. उस साल 13 विद्यार्थियों का नामांकन हुआ था. सत्र 2011 में 19 विद्यार्थियों का नामांकन रिम्स में हुआ है. 2009 बैच के विद्यार्थी फाइनल इयर में पहुंचने वाले है. ये विद्यार्थी तृतीय वर्ष की परीक्षा की तैयारी कर रहे हैं.