महाराष्ट्र सरकार को हाइकोर्ट का निर्देशमुंबई. बंबई हाइकोर्ट ने महाराष्ट्र सरकार को मराठों और मुसलमानांे को नौकरियांे एवं शैक्षणिक संस्थानों मंे आरक्षण मुहैया करने के अपने फैसले के समर्थन में तीन हफ्ते के अंदर एक हलफनामा दाखिल करने का सोमवार को निर्देश दिया. चीफ जस्टिस मोहित शाह की अध्यक्षतावाली पीठ ने मराठों और मुसलमानांे के लिए सरकारी नौकरियांे एवं शैक्षणिक संस्थानांे में कोटा के प्रावधान को चुनौती देनेवाली कई जनहित याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए यह निर्देश दिया. पीठ ने कार्यकर्ता केतन तिरोदकर सहित याचिकाकर्ताओं को सरकार के हलफनामे पर प्रत्युत्तर दाखिल करने का भी निर्देश दिया. राज्य सरकार की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता और पूर्व महाधिवक्ता डेरियस खंबाता ने कहा कि मराठांे तथा मुसलमानों के लिए आरक्षण शुरू करने के फैसले को न्यायसंगत ठहराने के वास्ते सरकार के पास पर्याप्त आंकड़े हैं. इसके बाद अदालत ने उसे इस संबध में हलफनामा दाखिल करने का निर्देश दिया. तिरोदकर ने दलील देते हुए कहा कि सुप्रीम कोर्ट द्वारा निर्धारित आरक्षण की सीमा पहले ही 50 फीसदी को पार कर गयी है. 14 नवंबर 2014 को हाइकोर्ट ने जनहित याचिकाओं को स्वीकार करते हुए पिछली कांग्रेस-राकांपा सरकार के उस फैसले के लागू किए जाने पर रोक लगा दी थी जिसके तहत मराठों को नौकरियों और शैक्षणिक संस्थानों में 16 फीसदी आरक्षण मुहैया करने का निर्णय किया गया था.
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मराठा, मुसलिम कोटा पर हलफनामा दाखिल करें
महाराष्ट्र सरकार को हाइकोर्ट का निर्देशमुंबई. बंबई हाइकोर्ट ने महाराष्ट्र सरकार को मराठों और मुसलमानांे को नौकरियांे एवं शैक्षणिक संस्थानों मंे आरक्षण मुहैया करने के अपने फैसले के समर्थन में तीन हफ्ते के अंदर एक हलफनामा दाखिल करने का सोमवार को निर्देश दिया. चीफ जस्टिस मोहित शाह की अध्यक्षतावाली पीठ ने मराठों और मुसलमानांे के […]
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