रांची: मुख्यमंत्री रघुवर दास ने साफ-साफ कहा है कि राज्य में अब तबादला उद्योग नहीं चलेगा. नववर्ष की पूर्व संध्या पर पत्रकारों से बात करते हुए उन्होंने सरकार की प्राथमिकताएं आम लोगों के सामने रखी. उन्होंने कहा कि स्वच्छ प्रशासन स्थापित करने हेतु निगरानी एवं लोकायुक्त को और सुदृढ़ एवं सशक्त बनाया जायेगा. वह खुद प्रशासनिक उठा-पटक में विश्वास नहीं करते हैं.
किसी पदाधिकारी के किसी पद पर रहने की योग्यता सिर्फ और सिर्फ उनके कामकाज की वजह से होगा. उन्होंने कहा कि अधिकारी और कर्मचारी कर्मयोगी बन कर काम करें. उन्होंने कहा कि इस राज्य में बहुत सारी समस्याएं हैं. अब उसे दूर करने का समय आ गया है. विकास के लिए राज्य की नींव को मजबूत करने की जरूरत है. विकास के लिए समग्र दृष्टिकोण अपनाना होगा.
सरकार सभी के सहयोग से राज्य के विकास का ब्लू प्रिंट तैयार करेगी. सरकार का एक ही स्लोगन है, सब का साथ सब का विकास. मुख्यमंत्री ने कहा है कि वह दिखावे के लिए कोई काम नहीं करेंगे. उनका दरवाजा आम लोगों के लिए हमेशा खुला रहता है. और आगे भी खुला रहेगा.
बजट की कम राशि खर्च
रघुवर दास ने कहा है कि इस वित्तीय वर्ष के बजट का काफी कम पैसा खर्च हुआ है. सरकार इसमें तेजी लाने के प्रयास में जुट गई है. तीन माह में सरकार के सामने अपने आंतरिक संसाधन को मजबूत करने की बड़ी चुनौती है. तीन माह में सरकार अपने राजस्व वसूली के लक्ष्य को प्राप्त करने का भरसक प्रयास करेगी. उन्होंने कहा है कि चुनाव के पहले जो वायदे किये गए हैं उसे पूरा करने की दिशा में सरकार ने कदम बढ़ा दिये हैं.
वर्ष 2017 तक सभी को पेयजल
मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्ष 2017 तक सभी को पाइप लाइन के माध्यम से पेयजल उपलब्ध कराना उनका लक्ष्य है. राज्य की जनता को शुद्ध पेयजल आपूर्ति कराना सरकार का दायित्व है. 80 प्रतिशत बीमारियां पेयजल की अशुद्धि के कारण होती है. सीएम ने पेयजल पर विशेष फोकस करने की बात भी कही.
अस्पतालों के औचक निरीक्षण का सीएम का आदेश
रांची. मुख्यमंत्री रघुवर दास ने सभी उपायुक्तों को अपने-अपने क्षेत्र में रात को अस्पतालों, स्वास्थ्य केंद्रों, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों, रेफरल अस्पताल, सीएचसी का औचक निरीक्षण करने का निर्देश दिया है. मुख्यमंत्री के आदेश के आलोक में मुख्य सचिव ने डॉक्टरों, नर्सो की प्रतिनियुक्ति रद्द करने का आदेश जारी कर दिया है. यह आदेश दो जनवरी से प्रभावी होगा. प्रतिनियुक्ति पर पदस्थापित डॉक्टर और नर्सो को निर्देश दिया गया है कि वे पांच जनवरी तक अपने मूल पद पर योगदान दें. इस आदेश का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ अनुशासनिक कार्रवाई की जायेगी. गौरतलब है कि सीएम के पास यह शिकायत मिली थी कि पीएचसी में पदस्थापित कई डॉक्टर व नर्स अपनी प्रतिनियुक्ति सदर अस्पताल या शहर में करा लेते हैं. जिसके चलते गांवों में उनकी सेवा नहीं मिल पाती. इसके बाद सीएम ने सबकी प्रतिनियुक्ति रद्द करने का आदेश दिया है.