रांची: मुख्यमंत्री रघुवर दास ने मंगलवार को इस्टर्न डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर के इर्द गिर्द औद्योगिक विकास के लिए भूमि चिह्न्ति करने के लिए एक उच्च स्तरीय बैठक की. उन्होंने कहा कि राज्य के सर्वागीण विकास के लिए आर्थिक विकास को सर्वोच्च प्राथमिकता देना आवश्यक है. उद्योगों को बढ़ावा, पूंजी निवेश इत्यादि के माध्यम से ही राज्य का तीव्र आर्थिक विकास संभव है.
भारत सरकार की अमृतसर-दिल्ली- कोलकाता इंडस्ट्रियल कॉरिडोर महत्वाकांक्षी योजना झारखंड से भी होकर गुजरती है. अत: खनिज संपदा परिपूर्ण झारखंड में इस कॉरिडोर के इर्द गिर्द औद्योगिक विकास की अनेक संभावनाएं हैं. गौरतलब है कि इस कॉरिडोर के 15 किमी रेडियस में उद्योग, बाजार आदि का विकास किया जाना है. इसके लिए भूमि चिह्न्ति करने का निर्देश केंद्र सरकार द्वारा दिया गया है. उद्योग सचिव द्वारा कोडरमा जिले में लगभग साढ़े तीन एकड़ भूमि को चिह्न्ति किये जाने की जानकारी दी गयी. सीएम ने कहा कि वैसी भूमि को चिह्न्ति किया जाये, जो विवादित न हों.
उन्होंने कहा कि वर्णित भूमि से संबंधित प्रतिवेदन उपायुक्त एवं जिला वन पदाधिकारी सात दिनों के भीतर उपलब्ध करायें. इन सभी कागजात के मिलने पर उसे महाधिवक्ता को दे दिया जाये, ताकि फॉरेस्ट क्लीयरेंस, जमीन के वास्तविक मालिकाना हक संबंधित सभी बिंदुओ पर विधिसम्मत विचार प्राप्त किया जा सके.
मुख्यमंत्री ने कहा कि भूमि का अधिकतम उपयोग हो, इसके लिए पूरी कार्ययोजना तैयार कर ली जाये. सीमेंट एवं स्टील उद्योग के संबंध में विचार किया जाये. खनिज क्षेत्र होने के कारण झारखंड को इस कॉरीडोर का पूरा लाभ मिल सकता है. बैठक में मुख्यमंत्री ने राज्य के औद्योगिक नीति, क्रय नीति,भूमि आवंटन नीति पर भी बात की. बैठक में मुख्य सचिव सजल चक्रवर्ती, प्रधान सचिव वित्त राजबाला वर्मा, सचिव उद्योग हिमानी पांडे, सचिव खान एवं भूतत्व अरुण समेत वरीय पदाधिकारी उपस्थित थे.