नयी दिल्ली. नयी अप्रत्यक्ष कर व्यवस्था वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) अप्रैल, 2016 मंे लागू होगी. राज्यांे को जीएसटी के प्रावधानांे को लागू करने के लिए एक साल का समय मिलेगा. जीएसटी के कार्यान्वयन को लेकर तमिलनाडु व पश्चिम बंगाल जैसे राज्य अपनी चिंता जता रहे हैं. केंद्र ने 19 दिसंबर को लोकसभा मंे पेश जीएसटी संविधान संशोधन विधेयक मंे एक साल के विस्तार का यह प्रावधान रखा है. आजादी के बाद से इसे सबसे बड़ा अप्रत्यक्ष कराधान सुधार कहा जा रहा है. जीएसटी के कार्यान्वयन से देश मंे वस्तुआंे व सेवाआंे पर एकल कर लागू होगा. एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि एक साल के समय की अवधि सिर्फ अस्थायी प्रावधान है. अंतत: सभी राज्यांे को इसे लागू करना होगा. एकल दर वाला जीएसटी केंद्रीय उत्पाद शुल्क, राज्यांे के वैट, मनोरंजन कर, चुंगी, प्रवेश कर, विलासिता कर और खरीद कर को समाहित करेगा. कुछ राज्यांे ने महत्वपूर्ण पहलुआंे मसलन राजस्व पर असर न डालनेवाली दर व बैंड, मुआवजे के तौर तरीके तथा सीमा आदि पर सहमति बनाये बिना इसे लागू करने का विरोध किया है. गुजरात ने प्रस्ताव किया है कि विनिर्माण राज्यांे को जीएसटी को लागू किये जाने के दो साल तक अंतर राज्य व्यापार पर जो एक प्रतिशत अतिरिक्त कर लगाने का अधिकार होगा, उसे वापस नहीं लिया जाये.
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जीएसटी के कार्यान्वयन को मिलेगा एक साल
नयी दिल्ली. नयी अप्रत्यक्ष कर व्यवस्था वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) अप्रैल, 2016 मंे लागू होगी. राज्यांे को जीएसटी के प्रावधानांे को लागू करने के लिए एक साल का समय मिलेगा. जीएसटी के कार्यान्वयन को लेकर तमिलनाडु व पश्चिम बंगाल जैसे राज्य अपनी चिंता जता रहे हैं. केंद्र ने 19 दिसंबर को लोकसभा मंे पेश […]
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