रांची: वर्तमान में प्री स्कूल का मार्केट अनुमानित 12 हजार करोड़ रुपये का है. वर्ष 2020 तक इसके 23 हजार करोड़ रुपये तक पहुंचने की उम्मीद है. प्री स्कूल के बाजार में आठ प्रतिशत की दर से बढ़ोतरी हो रही है, जिसका मुख्य कारण अभिभावकों में प्री स्कूल की बढ़ती मांग है.
एक प्री स्कूल फ्रेंचाइजी प्रारंभ करने के लिए शुरुआती निवेश की आवश्यकता होती है. प्री स्कूल की श्रेणी में किडजी एशिया का सबसे बड़ा प्री स्कूल नेटवर्क है. किडजी जी लर्न लिमिटेड का हिस्सा है, जो कोर एजुकेशन क्षेत्र का जाना-माना नाम है. इसका विजन उच्च कोटि की शिक्षा तथा विकास के माध्यम से मानव पूंजी (ह्यूमन कैपिटल) में सुधार लाना है.
500 से अधिक शहरों में 1500 से भी अधिक सेंटरवाला किडजी न केवल पूरे एशिया का सबसे बड़ा प्री स्कूल नेटवर्क है, बल्कि प्री स्कूल के सबसे लाभदायक चेन में से एक है. किडजी के स्थापित होने के एक दशक के अंदर पूरे भारत में चार लाख से भी अधिक बच्चों ने इनमें नामांकन लिया और पढ़ाई की.
चाइल्ड डेवलपमेंट एंड एजुकेशन (सीडीइ) के क्षेत्र में किडजी ने अद्वितीय मानक निर्धारित किया है. किडजी ने अपने सीडीइ विशेषज्ञों द्वारा किये गये वर्षो के अनुसंधान के आधार पर कक्षा में सर्वश्रेष्ठ बाल केंद्रित शिक्षण पद्धति (बेस्ट इन क्लास चाइल्ड सेंट्रिक मेथडोलॉजी) विकसित की है. एमएस बड़ौदा विवि द्वारा इसकी कार्यप्रणाली इल्यूम प्रमाणित है. इल्यूम सेंटर ऑफ लर्निग प्रोसेस अद्वितीय बच्चों को शिक्षण प्रक्रिया के केंद्र में रखता है.
इसके अलावा स्टार्टर किट प्रोपराइटरी पद्धति पर आधारित है, जिसमें खेलकूद के उपकरण, पजल्स और किताबें शामिल हैं. इसके सभी शिक्षकों को 60 से 80 घंटे का प्रशिक्षण दिया जाता है, जो बच्चे की जरूरतों और बच्चों को प्रेरित करने के अनुसार सामग्री प्रदान करने के लिए स्किल सेट के साथ उन्हें सक्रिय बनाने पर केंद्रित है. स्कूल में नामांकन बढ़ाने के लिए व्यापक मार्केटिंग योजना उपलब्ध करायी जाती है. साथ ही सहयोगियों के साथ संयुक्त रूप से कार्य किया जाता है. टीम के अनुसार एक प्री स्कूल चलाने के लिए सभी पहलुओं को देखा जाता है. इसमें दिशा निर्देशों के सेटअप, कलर स्कीम, सेफ्टी तथा सिक्यूरिटी के उपाय, भरती और पेपरलेस कार्य के लिए ई-किडजी सॉफ्टवेयर प्रदान किये जाते हैं. उन्होंने बताया कि एक प्री स्कूल शुरू करने के लिए कम से कम दो हजार से तीन हजार वर्गफीट एरिया होना चाहिए. इसके अलावा कुल निवेश आठ लाख रुपये या इससे अधिक (जो स्थान पर निर्भर करता है) आवश्यक है.