रांचीः रांची मास्टर प्लान संघर्ष मोरचा ने मास्टर प्लान रद्द करने की मांग को लेकर शुक्रवार को दक्षिणी छोटानागपुर प्रमंडल आयुक्त कार्यालय के समक्ष धरना दिया और सात सूत्री मांगों का ज्ञापन सौंपा.
अध्यक्ष आरती कुजूर ने कहा कि राज्य में पांचवीं अनुसूची लागू है, पर पंचायत प्रतिनिधियों की अनुमति के बिना सरकार ने 250 गांवों को शामिल करने की योजना बना ली है. कार्यकारी अध्यक्ष शिवा कच्छप ने कहा कि पांचवीं अनुसूची की अवहेलना बंद हो. अनिल भगत ने कहा कि यह गरीब झारखंडियों को गुमराह कर बड़े पूंजीपतियों को सस्ते दर पर जमीन उपलब्ध कराने की साजिश है. संदीप उरांव ने कहा कि नये मास्टर प्लान से पंचायती राज व पारंपरिक स्वशासन व्यवस्था पर असर पड़ेगा.
क्या हैं मांगें : अंगरेजी में प्रकाशित मास्टर प्लान 2037 को रद्द कर हिंदी में प्रकाशित करने, वर्ष 1894 का भूमि अधिग्रहण कानून रद्द करने, सीएनटी एक्ट व समता निर्णय के मद्देनजर आदिवासियों व मूलवासियों की जमीन के अधिग्रहण पर रोक, सीएनटी एक्ट की धारा 49 के तहत ली गयी जमीन वापस करने व एसएआर कोर्ट को बंद करने और नगड़ी की कृषि योग्य भूमि के अधिग्रहण व विधि विश्वविद्यालय के निर्माण पर रोक की मांग.