रांची: राजधानी में हाल में हुई हत्या समेत अन्य घटनाओं के बाद आम लोगों की सुरक्षा पर भी सवाल उठने लगे हैं. हाल के दिनों में रांची में हत्या समेत कई घटनाएं हुईं, जिसमें पुलिस अपराधियों तक पहुंचने में असफल रही. एसएसपी से लेकर सिटी एसपी और ग्रामीण एसपी तक थानेदारों से पूछते हैं कि संबंधित घटना में शामिल अपराधी अब तक क्यों नहीं पकड़े गये हैं.
वहीं क्राइम मीटिंग में हर बार लालपुर थाना क्षेत्र में हुई पवन अग्रवाल हत्याकांड पर चर्चा होती है, तब थानेदार यह कह कर खामोश हो जाते हैं कि प्रयास जारी है. दिलचस्प बात तो यह है कि हत्या की घटना के बाद सभी थानेदारों को अलर्ट किया जाता है. सभी थाना क्षेत्रों में चेकिंग की जाती है, इसके बाद भी अपराधी पुलिस की गिरफ्त से बाहर होते हैं. साफ है कि बड़े मामले में पुलिस काम सिर्फ प्राथमिकी दर्ज करने तक सीमित रह गया है.
घटना- एक
15 दिसंबर, 2014
अरगोड़ा थाना क्षेत्र में सीसीएल कर्मी अशोक पासवान की गोली मार कर दी गयी. हत्या कांड में पुलिस ने केस तो दर्ज कर लिया, लेकिन पुलिस अब तक यह पता नहीं लगा पायी है हत्याकांड में कौन- कौन शामिल थे. जबकि इस मामले में चतरा पुलिस के पास पहले से जानकारी थी कि अशोक की जान को खतरा है. इसके बावजूद चतरा पुलिस ने इसकी जानकारी अरगोड़ा पुलिस को नहीं दी. यदि अरगोड़ा पुलिस को जानकारी दी जाती, तो शायद अशोक की जान बच सकती थी.
घटना- दो
13 दिसंबर, 2014
कोतवाली थाना क्षेत्र के लालजी- हिरजी रोड में ठेकेदार महेंद्र करमाली की हत्या कर दी गयी. हत्या को अंजाम बाइक सवार दो लोग मुकेश महतो और रामा महतो ने मिल कर दिया. हत्या के बाद दोनों अपराधी भाग निकले. इस दौरान करीब-करीब सभी चौक-चौक की तैनाती थी. घटना की जानकारी मिलने पर प्रभारी थानेदार एके सिंह रिम्स पहुंचे. इसके बाद मृतक का परिजनों का बयान लेकर थाना लौट आये.
घटना- तीन
28 नवंबर, 2014
धुर्वा थाना क्षेत्र निवासी पार्षद रत्नेश कुमार की गोली मार कर हत्या कर दी गयी. हत्याकांड में मुख्य आरोपी राजीव रंजन सिंह का नाम सामने आया. राजीव रंजन सिंह पहले भी रत्नेश पर फायरिंग कर चुका था. जब पुलिस ने रत्नेश पर गोली चलाने के आरोप में राजीव रंजन को गिरफ्तार किया था, तब हाजत में पुलिस के सामने राजीव रंजन ने रत्नेश को धमकी देते हुए कहा था एक दिन वह उसकी हत्या कर देगा.
घटना- चार
18 सितंबर, 2014
लालपुर थाना क्षेत्र में एक ही दिन में अपराधी ने पेट्रोल पंप कर्मी से पांच लाख लूट लिये. इसके बाद शाम में अपराधियों ने व्यवसायी पवन अग्रवाल की गोली मार कर हत्या कर दी. दोनों घटना में शामिल अपराधी कौन थे. पुलिस अब तक इसके बारे पता नहीं लगा पायी है. पुलिस घटना की जांच कई माह से कर रही है, लेकिन जांच अब तक वहीं है.
घटना- पांच
30 अक्तूबर, 2013
अल्बर्ट एक्का चौक के समीप रहनेवाले ठेकेदार अमित खेतान (38 वर्ष) की कांके थाना क्षेत्र में हत्या कर दी गयी. इस घटना में शामिल जब किसी अपराधी के बारे जब पुलिस को सुराग नहीं मिला. तब पुलिस ने केस का अनुसंधान बंद कर दिया. जब मामले में डीआइजी प्रवीण सिंह ने हस्तक्षेप किया. तब हत्याकांड की फाइल फिर से खुली और मामले की जांच शुरू हुई. अभी भी हत्याकांड में शामिल किसी अपराधी के बारे पुलिस ठोस साक्ष्य नहीं मिले हैं.
घटना- छह
24 अप्रैल, 2013
डोरंडा थाना क्षेत्र में बच्ची की हत्या कर दी गयी. इस घटना में कौन लोग शामिल थे, पुलिस अब तक इसके बारे पता नहीं लगा सकी है. खबर है कि पुलिस मुख्य आरोपी को जानती है, लेकिन आरोपी के पकड़ने पर नया विवाद हो सकता है. क्योंकि उसके खिलाफ पुलिस के पास ठोस साक्ष्य नहीं हैं. इसलिए पुलिस आरोपी पर हाथ डालने से घबरा रही है.