रांची: कोल इंडिया में छह से 11 जनवरी तक हड़ताल होगी. कोल माइंस (स्पेशल प्रोविजन) ऑर्डिनेंस-14, कोल इंडिया के विनिवेश के प्रस्ताव सहित अन्य मुद्दों को लेकर हड़ताल पर जाने की सहमति बनी है. बुधवार को सीसीएल के बीएमएस कार्यालय में इंटक, एटक, बीएमएस और एचएमएस के वरीय पदाधिकारियों की बैठक रमेंद्र कुमार की अध्यक्षता में हुई. इसमें तय किया गया कि नये सिरे से कोल इंडिया में हड़ताल का नोटिस दिया जायेगा.
यूनियन कंपनी स्तर पर भी हड़ताल का नोटिस दे सकता है. आंदोलन को सफल बनाने के लिए एक संयुक्त मोरचे का गठन किया जायेगा. मोरचा कंपनी और क्षेत्रीय स्तर पर कंवेंशन का आयोजन कर आंदोलन को सफल बनायेगा. बैठक में नाथूलाल पांडेय, एसक्यू जमा, सुरेंद्र पांडेय, प्रदीप दत्ता, राजेश कुमार सिंह, आरएस सिंह, वाइएन सिंह, लखन लाल महतो, ए श्रीनिवास राव, अशोक कुमार पांडेय आदि मौजूद थे.
यूनियनों को मिला कंपनी का प्रभार
आंदोलन को सफल करने के लिए यूनियनों को अलग-अलग कंपनियों को प्रभार दिया गया है. एचएमएस को एसइसीएल, एटक को सीसीएल, इसीएल व सीएमपीडीआइ, बीएमएस को एमसीएल, सीटू व बीएमएस को बीसीसीएल, इंटक को डब्ल्यूसीएल, इंटक व बीएमएस को एनसीएल, एचएमएस व एटक को सिंगरैनी कोल फील्ड में हड़ताल को सफल बनाने व आंदोलन सफल करने की जिम्मेदारी सौंपी गयी है.
सीटू का समर्थन, 13 को भी होगी हड़ताल
सीटू से संबंद्ध ऑल इंडिया कोल वर्कर्स फेडरेशन ने पांच दिनों की हड़ताल को भी पूरी तरह समर्थन देने का निर्णय लिया है. फेडरेशन के महासचिव जीवन राय, सीसीएल शाखा के महासचिव आरपी सिंह तथा जेबीसीसीआइ सदस्य डीडी रामानंदन ने कहा है कि हड़ताल की सभी मांगों को वह समर्थन कर रहे हैं. फेडरेशन की 13 जनवरी की हड़ताल भी होगी. इसे वापस नहीं लिया गया है. यूनियन किसी भी कीमत पर कोल इंडिया के विखंडन का समर्थन नहीं कर सकती है. हर बार की तरह इस बार भी कोल इंडिया के विनिवेश का विरोध होगा.