रांची: पंचायती राज विभाग के प्रधान सचिव के विद्यासागर ने रामगढ़ के उप विकास आयुक्त के साथ संबंधित अफसरों को बुलाया है. उन्हें 16 दिसंबर को बुलाया गया है. प्रधान सचिव ने उन्हें बैकवर्ड रिजन ग्रांट फंड (बीआरजीएफ) की विस्तृत रिपोर्ट लेकर आने को कहा है. यह देखा जायेगा कि जिले में बीआरजीएफ की स्थिति कैसी है. चालू वित्तीय वर्ष के लिए जिले ने प्रस्ताव तैयार किया है या नहीं. इसके साथ ही जिले में चालू योजनाओं का हाल भी देखा जायेगा.
जानकारी के मुताबिक जिले में बीआरजीएफ की स्थिति सबसे खराब है. पिछले साल रामगढ़ जिले को बीआरजीएफ के तहत एक पैसा भी नहीं मिला था. इससे इस मद में कुछ भी काम नहीं हो सका था. बड़ी राशि से जिला वंचित रह गया था. यह राशि केंद्र सरकार से शत प्रतिशत अनुदान पर मिलती है. इस राशि से गांवों के पिछड़े क्षेत्रों में विकास के काम कराये जाते हैं. इस बार भी राज्य के सारे जिलों को राशि मिल गयी है. केवल रांची, सिमडेगा व रामगढ़ को पैसा नहीं मिला है. रांची व सिमडेगा का भी प्रस्ताव केंद्र को चला गया है. शीघ्र ही इन जिलों को राशि मिल भी जायेगी, पर रामगढ़ का प्रस्ताव अब तक नहीं गया है. रामगढ़ की इस स्थिति को पंचायती राज विभाग ने गंभीरता से लिया है.
60 लाख का नहीं मिल रहा है हिसाब
रामगढ़ में बीआरजीएफ के करीब 60 लाख रुपये का हिसाब नहीं मिल रहा है. इस पर प्राथमिकी तो दर्ज करा दी गयी है, लेकिन सरकार से इसकी रिपोर्ट तक नहीं की गयी है. ऐसे में सरकार दोषी पर कार्रवाई नहीं कर पा रही है. वहां के विशेष प्रमंडल के सहायक अभियंता पर आरोप है कि वे पैसे डकार गये हैं.