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..और मिल गयी शवों को मुक्ति

रांची: सामाजिक संस्थान मुक्ति ने शुक्रवार को रिम्स में पड़े पांच लावारिस शवों का अंतिम संस्कार कराया. शवों को पूरे विधि-विधान के साथ अंतिम संस्कार कराया गया. रिम्स प्रबंधन ने पांच लावारिस शवों को मुक्ति संस्थान को उपलब्ध कराया. शवों को मुक्तिधाम के स्वर्ग द्वार तक लाया गया, जिसे मुरदा कल्याण समिति के मो खालिद […]

रांची: सामाजिक संस्थान मुक्ति ने शुक्रवार को रिम्स में पड़े पांच लावारिस शवों का अंतिम संस्कार कराया. शवों को पूरे विधि-विधान के साथ अंतिम संस्कार कराया गया. रिम्स प्रबंधन ने पांच लावारिस शवों को मुक्ति संस्थान को उपलब्ध कराया. शवों को मुक्तिधाम के स्वर्ग द्वार तक लाया गया, जिसे मुरदा कल्याण समिति के मो खालिद ने अंतिम संस्कार किया.

अंतिम संस्कार में राजधानी के काफी लोग शामिल हुए. इस दौरान सरदार परमजीत सिंह पिंकू ने अरदास किया. मौके पर एसएसपी प्रभात कुमार, नगर निगम के सीइओ मनोज कुमार, मुक्ति संस्था के अध्यक्ष प्रवीण लोहिया, राम कुमार, अतुल गेरा, अमित अग्रवाल, संजय गुप्ता, पंकज चौधरी, हरीश नागपाल, प्रमोद सारस्वत, मनीष गुप्ता, अमरेंद्र कुमार, किशन कुमार, अमरजीत गिरधर, सुनील केडिया, ए देयोल, अरुण झा, नरेंद्र शर्मा, विजय पाठक, अमरकांत सहित कई लोग मौजूद थे.

आज किया जायेगा अस्थियों का विसजर्न

लावारिश शवों के अंतिम संस्कार के बाद अस्थि विसजर्न भी किया जायेगा. मुक्ति संस्थान के प्रवीण लोहिया ने बताया कि शनिवार को अस्थियों का विसजर्न किया जायेगा. अस्थि विसजर्न स्वर्ण रेखा नदी में किया जायेगा. रविवार को दरिद्र नारायण भोज का कार्यक्रम है.

41 लावारिस शवों का अंतिम संस्कार 21 को

मुक्ति संस्था की ओर से रिम्स में पड़े 41 लावारिस शवों का अंतिम संस्कार 21 दिसंबर को कराया जायेगा. इन शवों को मुर्दा कल्याण समिति के सहयोग से अंतिम संस्कार कराया जायेगा. रिम्स प्रबंधन से शवों को उपलब्ध कराने का आग्रह किया गया है.

नगर निगम मुहैया करायेगा वाहन

नगर निगम के सीइओ मनोज कुमार ने मुक्ति संस्था को एक वाहन मुहैया कराने का आश्वासन दिया है. उन्होंने बताया कि वाहन मुहैया होने से शवों को ले जाने में दिक्कत नहीं होगी. बरसात में भी शवों को आसानी से ले जाया जा सकेगा.

मुक्ति संस्था का उद्देश्य

संस्था के प्रवीण लोहिया ने बताया कि मो खालिद अपनी तरफ से लावारिस शवों का अंतिम संस्कार कराते थे, लेकिन उन्हें किसी प्रकार का आर्थिक सहयोग नहीं मिल पाता था. कई बार लावारिस शव अंतिम संस्कार के इंतजार में महीनों पड़े रहते थे. मो खालिद के सहयोग के लिए मुक्ति संस्था का गठन किया गया. संस्था में राजधानी के कोई भी व्यक्ति शामिल हो सकते हैं. सदस्यता नि:शुल्क है.

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