गुजरात हाइकोर्ट का आदेश, मां-बाप की इजाजत की जरूरत नहींएजेंसियां, अहमदाबादगुजरात हाइकोर्ट ने कहा है कि यदि कोई मुसलिम लड़की 15 साल की उम्र पूरी कर लेती है या रजस्वला की अवस्था प्राप्त कर लेती है, तो वह शादी कर सकती है. कोर्ट ने यह फैसला बाल विवाह निरोधक अधिनियम के तहत एक युवा पर चल रहे मुकदमे में सुनाया है. इस युवा ने अपने ही समुदाय की एक 17 साल की लड़की से शादी कर ली थी.यह फैसला न्यायाधीश जे बी पार्दिवाला ने सुनाया है. इस फैसले में कहा गया है कि लड़का और लड़की दोनों ही मुसलिम समुदाय के हैं. मुसलिम पर्सनल ला बोर्ड के मुताबिक, कोई भी लड़की अगर रजस्वला हो जाती है या फिर 15 साल की हो जाती है तो वह बिना अपने मां-बाप की इजाजत के शादी कर सकती है. इसी साल फरवरी में की थी शादीयह फैसला सूरत के एक युवा युसुफ लोखाट के केस में सुनाया गया है. इसमें युसुफ के खिलाफ सिटी कोर्ट में बाल विवाह निरोधक अधिनियम-2006 के तहत मुकदमा दर्ज किया गया था. सूरत में रहने वाले युसुफ लोखाट ने अपने ही समुदाय की एक 17 साल की लड़की से इसी साल फरवरी में शादी कर ली थी. इस शादी से नाराज लड़की के पिता ने ‘चिल्ड्रेन होम ऑफ गर्ल्स’ के अधीक्षक से लिखित में इसकी शिकायत की थी. इसके बाद अधीक्षक ने ही लड़के के खिलाफ कानूनी कार्रवाई शुरू की थी. इस केस में लड़के की पहचान के तीन अन्य लड़कों पर भी मुकदमा चलाया जा रहा था. फैसले के बाद सभी को बरी कर दिया गया.
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’15 साल’ की मुसलिम लड़की मरजी से कर सकती है शादी
गुजरात हाइकोर्ट का आदेश, मां-बाप की इजाजत की जरूरत नहींएजेंसियां, अहमदाबादगुजरात हाइकोर्ट ने कहा है कि यदि कोई मुसलिम लड़की 15 साल की उम्र पूरी कर लेती है या रजस्वला की अवस्था प्राप्त कर लेती है, तो वह शादी कर सकती है. कोर्ट ने यह फैसला बाल विवाह निरोधक अधिनियम के तहत एक युवा पर […]
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