वर्ष 2000 से लेकर 2012 तक के नक्शों की होगी जांचउच्चस्तरीय समिति करेगी आपराधिक षड्यंत्र की जांच मामले की अगली सुनवाई दो माह बाद होगीमामला नक्शा विचलन करने कारांची . झारखंड हाइकोर्ट में गुरुवार को नक्शा विचलन तथा आरआरडीए अधिकारियों व बिल्डरों की मिलीभगत को लेकर दायर जनहित याचिका पर सुनवाई हुई. जस्टिस आरआर प्रसाद व जस्टिस रंगन मुखोपाध्याय की खंडपीठ ने मामले की सुनवाई के दौरान राज्य सरकार के जवाब को देखते हुए सीबीआइ को दस्तावेज सौंपने का निर्देश दिया. खंडपीठ ने कहा कि सरकार ने वर्ष 2000 से लेकर 2012 तक के नक्शों की जांच के लिए उच्चस्तरीय समिति का गठन किया है, इसलिए सीबीआइ नक्शा से संबंधित दस्तावेज समिति को जल्द उपलब्ध कराये. खंडपीठ ने मामले की सुनवाई दो माह के लिए स्थगित कर दी. इससे पूर्व राज्य सरकार की ओर से बताया गया कि सीबीआइ के आग्रह व कोर्ट के आदेश के आलोक में नक्शों की जांच के लिए उच्च स्तरीय समिति का गठन किया गया है. समिति को नक्शों की फाइल उपलब्ध कराने का आग्रह किया. सीबीआइ की ओर से अधिवक्ता मो मोख्तार खान ने पैरवी की. पूर्व में सीबीआइ ने कहा था कि सभी नक्शों की जांच करना संभव नहीं होगा. सैंपल के तौर पर कई मामलों की जांच की गयी. आपराधिक षड्यंत्र पाये जाने पर प्राथमिकी भी दर्ज की गयी है. उल्लेखनीय है कि प्रार्थी हर नारायण लाखोटिया ने जनहित याचिका दायर की है. याचिका में उन्होंने अपार्टमेंट के पार्किंग स्थल के व्यावसायिक उपयोग करने का विरोध किया है. कोर्ट के आदेश पर सीबीआइ नक्शा विचलन की जांच कर रही है.
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उच्चस्तरीय समिति को सीबीआइ दस्तावेज सौंपे : हाइकोर्ट
वर्ष 2000 से लेकर 2012 तक के नक्शों की होगी जांचउच्चस्तरीय समिति करेगी आपराधिक षड्यंत्र की जांच मामले की अगली सुनवाई दो माह बाद होगीमामला नक्शा विचलन करने कारांची . झारखंड हाइकोर्ट में गुरुवार को नक्शा विचलन तथा आरआरडीए अधिकारियों व बिल्डरों की मिलीभगत को लेकर दायर जनहित याचिका पर सुनवाई हुई. जस्टिस आरआर प्रसाद […]
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