रांची: बहुचर्चित चारा घोटाले में अभियुक्तों को अपना पक्ष रखने के लिए दो दिन से एक माह तक का समय दिया गया. बचाव पक्ष की ओर से लगभग 10 माह में 39 गवाहों के बयान दर्ज किये गये. इनमें से 20 गवाह लालू प्रसाद की ओर से थे.
चारा घोटाले में आरोपित आरके राणा ने दो दिनों में बहस पूरी कर ली. विद्यासागर निषाद ने निर्धारित तिथि पर बहस में हिस्सा ही नहीं लिया. अदालत ने उन्हें लिखित रुप से अपना पक्ष देने को कहा है. सांसद जगदीश शर्मा ने 26 जून 2013 से बहस शुरू की और 29 जून को पूरी कर ली.तत्कालीन मुख्यमंत्री जगन्नाथ मिश्र ने तीन दिनों में बहस पूरी कर ली.
लालू प्रसाद की ओर से 15 मई 2013 को बहस शुरू हुई जो 12 जून तक चली. 12 जून को उनकी ओर से एक याचिका दायर कर दो गवाहों को बतौर गवाह अदालत में बुलाने का अनुरोध किया गया. सीबीआइ ने जवाब देते हुए कहा कि उनसे जुड़े सभी दस्तावेज अदालत में जमा कराये जा चुके हैं. अदालत ने 19 जून को लालू प्रसाद की ओर से दायर याचिका खारिज कर दी. 20 जून को लालू प्रसाद की ओर से वकील चितरंजन प्रसाद के बीमार होने की बात कह कर अदालत से दो दिनों का समय मांगा. 21 जून को वकील प्रभात कुमार के गया में होने की बात कह कर समय मांगा गया. अदालत ने 24 जून तक का समय दिया. 24 जून को अधिवक्ता सुरेंद्र सिंह ने न्याय नहीं मिलने की आशंका जताते हुए अदालत में याचिका दायर की थी.