एजेंसियां, मेलबॉर्नगणितीय प्रतिरूपों का इस्तेमाल कर शोधकर्ताओं ने पहली बार यह स्पष्ट किया है कि प्रतिरक्षा कोशिकाएं संक्रमण तथा बीमारियों से कितनी प्रबलता से मुकाबला करती हैं. यह निष्कर्ष किसी व्यक्ति में स्व-प्रतिरक्षित (ऑटोइम्यून) बीमारियों की संभावना बताने में मदद करेगा साथ ही ऐसी स्थितियों में यह उनके इलाज के सुधार में भी मदद करेगा.यह जानने के लिए कि संक्र मण से लड़ने वाली महत्वपूर्ण टी कोशिकाओं की प्रतिक्रि या को संकेत किस प्रकार प्रभावित करते हैं, शोधकर्ताओं ने गणितीय तथा कंप्यूटर प्रतिरूपों का इस्तेमाल किया.: बॉक्स में :बीमारियों की भविष्यवाणीऑस्ट्रेलिया के वाल्टर एंड एलिजा हाल इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल रिसर्च की जूलिया मारचिंगो ने कहा, शोध का निष्कर्ष यह है कि पहली बार हम प्रतिरक्षा प्रतिक्रियाओं के परिमाण की भविष्यवाणी करने में सक्षम हुए हैं. इसकी माप के लिए फ्लू के लिए उत्तरदायी फ्लू विषाणुओं पर प्रतिरक्षा टी कोशिकाओं द्वारा की गयी प्रतिक्रि याओं का योग किया गया है.ऑटोइम्यूनिटी का कारणउल्लेखनीय है कि टी कोशिकाओं के नियंत्रण में किसी भी प्रकार की त्रुटि ऑटोइम्यूनिटी का कारण बन सकती है, परिणामस्वरूप यह शरीर की अपनी कोशिकाओं पर हमला कर उसे नष्ट कर सकती है. इसके कारण टाइप वन मधुमेह तथा संधिशोथ जैसी बीमारियां हो सकती हैं. यह अध्ययन साइंस जर्नल में प्रकाशित हुआ है.
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गणित से जानें रोगों से कैसे लड़ता है शरीर
एजेंसियां, मेलबॉर्नगणितीय प्रतिरूपों का इस्तेमाल कर शोधकर्ताओं ने पहली बार यह स्पष्ट किया है कि प्रतिरक्षा कोशिकाएं संक्रमण तथा बीमारियों से कितनी प्रबलता से मुकाबला करती हैं. यह निष्कर्ष किसी व्यक्ति में स्व-प्रतिरक्षित (ऑटोइम्यून) बीमारियों की संभावना बताने में मदद करेगा साथ ही ऐसी स्थितियों में यह उनके इलाज के सुधार में भी मदद करेगा.यह […]
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