रांची: राजधानी के ऑटो चालक हाइकोर्ट के आदेश को भी नहीं मानते. राजधानी की सड़कों पर ऑटोचालकों की मनमानी जारी है. जहां मन करता है ये अपना स्टॉपेज खुद तय करते हैं. हाइकोर्ट ने वर्ष 2008 में ओवरब्रिज के ऊपर किसी भी वाहन के रुकने पर प्रतिबंध लगाया था. हाइकोर्ट ने टिप्पणी की थी कि देश में यह पहला ऐसा शहर है, जहां ओवरब्रिज पर सवारियों को उतारा व चढ़ाया जाता है. इसलिए इस पर तत्काल रोक लगायी जाये.
हाइकोर्ट के आदेश के बाद ट्रैफिक पुलिस ने कुछ दिनों तक यहां ओवरब्रिज पर वाहनों के रुकने पर रोक लगा दी, परंतु अब यथा स्थिति बहाल हो गयी है. कचहरी से धुर्वा जानेवाले ऑटो यहां रोक कर सवारियों को न केवल उतारते-चढ़ाते हैं, बल्कि सवारियों का इंतजार भी करते हैं.
जहां आदेश है वहां ऑटो व भाड़ावाले वाहनों को लगने नहीं दिया जाता. यदि प्रतिबंधित क्षेत्र में ऑटो व अन्य वाहन लगाये जाते हैं तो उन पर जुर्माना किया जाता है. उसके बाद भी वे नहीं मानते तो वाहन को जब्त भी किया जाता है.
अनूप बिरथरे, सिटी सह ट्रैफिक एसपी
यहां इनका है राज
ओवर ब्रिज पर ऑटो चालकों द्वारा वाहन रोक कर सवारी उठाने से हर समय यहां जाम की स्थिति बनी रहती है. यहां ट्रैफिक पुलिस तैनात रहती है, लेकिन ऑटो चालकों की मनमानी को नहीं रोक पाती. इसी तरह की स्थिति ओवरब्रिज के नीचे आर्मी बहाली ऑफिस के सामने भी है. यहां भी ऑटो चालक बीच सड़क पर वाहन को रोक कर सवारी उठाते व उतारते हैं.