रांची: लोहरदगा टाउन थाना प्रभारी पीसी देवगम को निलंबित करने के लिए लोहरदगा एसपी सुनील भास्कर द्वारा दिये गये आदेश को डीआइजी ने रद्द कर दिया है. डीआइजी ने आदेश को रद्द करते हुए निलंबित की तिथि से ही पीसी देवगम को निलंबन मुक्त कर दिया. इस आदेश की सूचना मिलते ही एसपी नाराज हो गये हैं. उन्होंने उनके काम में अनावश्यक हस्तक्षेप की बात कही है. हालांकि दारोगा की पुन: पोस्टिंग अब तक नहीं हुई है.
एसपी ने इसकी जानकारी डीजीपी राजीव कुमार को दी है. इस मामले को गंभीरता से लेते हुए डीजीपी ने आइजी एमएस भाटिया, डीआइजी और एसपी को मीटिंग के लिए बुलाया. इधर, एसपी ने समझा कि बैठक में निर्णय उनके पक्ष में होगा, लेकिन मीटिंग में ऐसा नहीं हुआ.
डीजीपी ने डीआइजी के आदेश को बरकरार रखा. पुलिस मुख्यालय के अधिकारियों की मानें, तो डीजीपी से मीटिंग में अनुरोध भी किया गया कि यदि उन्हें लगता है कि गलत हुआ है, तो वे डीआइजी के आदेश को रद्द कर सकते हैं, लेकिन डीजीपी ने पाया कि दारोगा को गलत ढंग से निलंबित किया गया था. तब जाकर यह विवाद समाप्त हुआ.
क्या था मामला
पुलिस अधिकारियों के अनुसार बिहार से नक्सली अनुप ठाकुर को गिरफ्तार किया गया था. उसे पूछताछ के लिए टाटीसिलवे स्थित जैप में रखा गया था. नक्सली से पूछताछ के लिए डीआइजी ने टाउन थाना प्रभारी और इंस्पेक्टर को निर्देश दिया था. दोनों पूछताछ करने के लिए लोहरदगा से रांची पहुंचे. इसी बीच लोहरदगा एसपी टाउन थाना पहुंचे. एसपी ने देखा कि थाने का स्टेशन डायरी दो दिनों से पेंडिंग है और थाना प्रभारी थाने में उपस्थित नहीं हैं. इसी आरोप में थाना प्रभारी को एसपी ने निलंबित कर दिया था.
एसपी ने पीसी देवगम को अवैध रूप से निलंबित किया था. इसकी जानकारी पुलिस एसोसिएशन ने डीआइजी शीतल उरांव को दी थी. डीआइजी ने दारोगा के साथ सही न्याय किया है.
कमल किशोर, महामंत्री
पुलिस एसोसिएशन