लातेहार : मनिका विधानसभा क्षेत्र के गारू थाना क्षेत्र के लाई-बंदुआ गांव में बुधवार को ट्रैक्टर जलाने की घटना ने पुलिस की सुरक्षा की पोल खोल कर रख दी है. घटनास्थल से महज चार किलोमीटर की दूरी में सरयू, ओरया एवं कोने पुलिस पिकेट है, जहां भारी संख्या में सुरक्षा बलों की तैनाती है. इन पुलिस पिकेट पर सरकार का करीब 50 लाख रुपये वेतन आदि मद मे खर्च होते हैं. प्रत्यक्षदर्शी ट्रैक्टर चालकों ने बताया कि दोपहर तीन बजे पुलिस को माओवादियों ने घेरा था.
छह बजे तक माओवादी वहां उत्पात मचाते रहे, पर पुलिस वहां नहीं पहुंची. माओवादियों के दस्ते में अधिकतर महिलाएं थीं, जो अत्याधुनिक हथियारों से लैस थी.
माओवादियों का कहर जारी : मतदान समाप्ति के बाद सुरक्षा बलों के हटते ही माओवादियों का दस्ता गांवों मे घूम- घूम कर राजनीति कार्यकर्ताओं को पीट रहा है. नेतरहाट के दौना दुरुप गांव में रघु यादव और उनके परिजनों को भी पीटा गया. कबरी, कोटाम, लाई, पिरी, सरयु, कुड़पानी, कोने, जोंकी पोखर, सोहरपाठ, सिरसी भेड़ी गंझार समेत दर्जनों गांवों में माओवादियों ने वैसे नेताओं की सूची बनानी शुरू की है और उन्हें दंडित करने का एलान किया है.
लापता है ट्रैक्टर का चालक : सुरक्षा कर्मियों की सामग्री लेकर लौट रहा ट्रैक्टर चालक बिजलु भुइयां घटना के बाद से लापता है. हालांकि, घटना के वक्त वह एक पेड़ पर चढ़ गया था और ट्रैक्टर मालिक को फोन कर घटना की सूचना दी थी. घटना के 24 घंटे बीत जाने के बाद भी वह घर नहीं लौटा है.
गारू में दो किलोमीटर के दायरे में जमे थे नक्सली
गारू. भाकपा माओवादी ने गारू थाना क्षेत्र के अंतर्गत सीआरपीएफ के सरयू बेस कैंप से तीन किलोमीटर की दूरी पर लाई बंदुआ मोड़ के पास आठ ट्रैक्टरों में लदे पुलिस के रसद, बेड़, बिछावन, कपड़े, गोला बारूद एंव दैनिक उपयोग के सामान आदि ट्रैक्टर समेत जला दिया था. यह घटना बुधवार की है. इस घटना को नक्सलियों ने दिन के तीन बजे अंजाम दिय. इससे पूर्व गारू के कोटाम कलस्टर से बुधवार को बेस कैंप में डोमाखाड़ के रास्ते चुनाव संपन्न करा कर लौट रही सीआरपीएफ के बटालियन 214, व कोबरा के जवानों पर सुबह आठ बजे से दोपहर तीन बजे तक गोलाबारी हुई. नक्सली चोरहा यात्रा ी शेड से लाई बंदुआ मोड़ तक दो किमी के दायरे में जमे हुए थे.