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भ्रष्ट अधिकारियों के निलंबन की समयबद्ध समीक्षा करें

केंद्र ने सभी विभागों को दिया आदेश नयी दिल्ली. केंद्र ने सभी विभागों से कहा है कि वे समय पर भ्रष्टाचार या कर्तव्य में लापरवाही के मामले में आरोपी सरकारी अधिकारियों के निलंबन के मामलों की समीक्षा करें और उनके खिलाफ तेजी से अनुशासनात्मक प्रक्रिया को अंतिम रूप दे. नियमोंं के अनुसार, किसी भी सरकारी […]

केंद्र ने सभी विभागों को दिया आदेश नयी दिल्ली. केंद्र ने सभी विभागों से कहा है कि वे समय पर भ्रष्टाचार या कर्तव्य में लापरवाही के मामले में आरोपी सरकारी अधिकारियों के निलंबन के मामलों की समीक्षा करें और उनके खिलाफ तेजी से अनुशासनात्मक प्रक्रिया को अंतिम रूप दे. नियमोंं के अनुसार, किसी भी सरकारी कर्मचारी को निलंबित किया जा सकता है, अगर उसके खिलाफ अनुशासनात्मक प्रक्रिया पर विचार किया जा रहा हो या लंबित हो अथवा वह देश की सुरक्षा हितों के प्रतिकूल गतिविधियों से जुड़ा रहा हो या उसके खिलाफ किसी आपराधिक मामले में जांच या सुनवाई चल रही हो. एक अनुशासनात्मक प्राधिकार उस स्थिति में किसी सरकारी कर्मचारी को निलंबित कर सकता है अगर उसका पद पर जारी रहना व्यापक जनहित के खिलाफ हो.अनावश्यक क्षप से देना पड़ता है वेतनकार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग (डीओपीटी) ने अपने आदेश में कहा कि सरकार के संज्ञान में बात आयी है कि लम्बी अवधि तक निलंबन की अवधि के मामलों में अदालतों ने इशारा किया है कि लंबी अवधि तक निलंबन जारी नहीं रखा जाना चाहिए और केंद्र के निर्देश के बाद भी अनुशासनात्मक प्राधिकरण निर्धारित समय में प्रक्रियाओं को अंतिम रूप नहीं दे रहे हैं. इसमें कहा गया है कि ऐसे मामलों में सरकार बिना काम लिये अनावश्यक तौर पर आजीविका भत्ता देती है और अगर अनुशासनात्मक प्रक्रिया पूरी होने पर आरोपी अधिकारी आरोप मुक्त हो जाता है, तब सरकार को अनावश्यक रूप से पूरा वेतन देना पड़ता है और ऐसी स्थिति में निलंबन की अवधि को कामकाज पर मानना पड़ता है.

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