रांची: दारोगा नियुक्ति में हुई गड़बड़ी की जांच पूरी हो गयी है. इसमें नियुक्ति में गड़बड़ी होने की पुष्टि की गयी है. साथ ही गड़बड़ियों के लिए जिम्मेदार लोगों का पता लगाने के लिए पूरे मामले की किसी स्वतंत्र एजेंसी से जांच कराने की सिफारिश की गयी है. जांच टीम ने डीजीपी को अपनी रिपोर्ट सौंप दी है.
21 दिनों में रिपोर्ट दी
जांच कमेटी में डीआइजी कार्मिक शंभु ठाकुर, सीआइडी एसपी शम्स तबरेज व संगीता कुमारी थे. कमेटी ने 21 दिनों के अंदर जांच रिपोर्ट दी है. इस दौरान कमेटी के सदस्यों ने नियुक्ति समिति के अध्यक्ष पूर्व डीजीपी जीएस रथ, सदस्य तत्कालीन एडीजी मुख्यालय केएस मीणा, तत्कालीन डीआइजी पीटीसी उमेश सिंह समेत अन्य सदस्यों से पूछताछ की. उल्लेखनीय है कि श्री रथ को छोड़ जांच की जद में आये सभी अधिकारी अभी नौकरी में ही हैं. जांच टीम में शामिल सभी अधिकारी उनसे जूनियर हैं.
योग्य अभ्यर्थी नौकरी से वंचित रह गये
सूत्रों के मुताबिक, जांच टीम ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि 36 दारोगा को गलत तरीके से नियुक्त किया गया. इस कारण बहुत सारे योग्य अभ्यर्थी नौकरी से वंचित रह गये. कम अंक लानेवाले अभ्यर्थियों को नियुक्त कर लिया गया.
दारोगा, सार्जेट व कंपनी कमांडर पद की प्राथमिकता तय करके नियुक्ति समिति ने विज्ञापन में दी गयी शर्त का पालन नहीं किया. कट-ऑफ मार्क्स तय करने में भी गड़बड़ी की गयी. समिति ने नियुक्ति प्रक्रिया के दौरान की गयी कार्यवाहियों का कोई वृत्त भी नहीं तैयार किया. यही वजह है कि गड़बड़ियों के लिए जिम्मेदार अधिकारी का पता नहीं लग पा रहा है.