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राजपक्षे सरकार अधर में !

राजपक्षे के मुख्य सहयोगी दल ने लंका सत्तारू गंठबंधन छोड़ा एजेंसियां, कोलंबोश्रीलंका के राष्ट्रपति महिंदा राजपक्षे को मंगलवार को एक झटका तब लगा जब उनका एक मुख्य सहयोगी दल सत्तारूढ़ गंठबंधन से अलग हो गया. राष्ट्रीय धरोहर पार्टी की नेता जातिका हेला उरुमिया ने बताया कि पार्टी का यह कदम सरकार के वस्तुत: असीमित शक्तियां […]

राजपक्षे के मुख्य सहयोगी दल ने लंका सत्तारू गंठबंधन छोड़ा एजेंसियां, कोलंबोश्रीलंका के राष्ट्रपति महिंदा राजपक्षे को मंगलवार को एक झटका तब लगा जब उनका एक मुख्य सहयोगी दल सत्तारूढ़ गंठबंधन से अलग हो गया. राष्ट्रीय धरोहर पार्टी की नेता जातिका हेला उरुमिया ने बताया कि पार्टी का यह कदम सरकार के वस्तुत: असीमित शक्तियां छोड़ने से इनकार के खिलाफ उठाया है. पार्टी ने कहा कि वे राजपक्षे के नेतृत्ववाली यूनाइटेड पीपुल्स फ्रीडम अलायंस (यूपीएफए) सरकार छोड़ रहे हैं. इन्होंने छोड़ा पदचंपिका राणावका, प्रौद्योगिकी एवं शोध मंत्री व जेएचयू नेताउदय गम्मनपीला, पश्चिमी प्रांतीय परिषद मंे मंत्री अतुरालीये रताना, सांसद जेएचयू सदस्य सरकार का विरोध क्योंजेएचयू नेता अतुरालीये रताना ने राजपक्षे से कार्यकारी राष्ट्रपति प्रणाली को मध्यावधि चुनाव की घोषणा से पहले खत्म करने की मंाग की है. रताना ने श्रीलंका के संविधान मंे व्यापक लोकतांत्रिक सुधारों को लक्षित 19 वें संशोधन का प्रस्ताव पेश किया था. रताना चुनाव से पहले सुधारांे को लागू नहीं करने पर राजपक्षे से नाराज हैं. रताना ने उन्हें राजपक्षे को हराने का संकल्प लिया है. वर्ष 2005 में राजपक्षे के पहली बार राष्ट्रपति बनने के प्रयास में उनकी कम अंतर की जीत मंे जेएचयू के समर्थन ने बड़ी भूमिका निभाई थी.

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