ऑनलाइन ज्योतिष काउंसलिंगरांची. प्रभात खबर कार्यालय में मंगलवार को ऑनलाइन ज्योतिष काउंसलिंग का आयोजन किया गया. इस दौरान ज्योतिषी डॉ सुनील बर्मन (स्वामी दिव्यानंद) ने पाठकों के सवालों के जवाब दिये. उन्होंने बताया कि नवग्रह मंडल में मंगल को सेनापति की उपाधि प्राप्त है. मंगल स्वभाव से तेजस्वी है, किंतु उग्र भी है. मंगल कभी-कभी अत्यंत प्रभावी हो, तो इसके प्रभाववाले व्यक्ति से दूसरे के जान-माल का खतरा भी होता है. ठीक इसके विपरीत यदि मंगल जातक की जन्मपत्री में प्रतिकूल परिस्थिति में हो-जैसे मंगल का नीच होना, वक्रीय तथा नकारात्मक भाव में स्थित होना आदि, इन स्थिति में जातक अत्यंत गुस्सैल प्रवृत्ति का हो जाता है. गुस्से में उसके हाथों अनहोनी की भी संभावना बन जाती है. यदि मंगल के साथ राहु युति हो, तो अंगारक योग का निर्माण हो जाता है. ऐसी स्थिति में यह सलाह दी जाती है कि ऐसे जातक अग्नि, विद्युत तथा विस्फोटक चीजों से सावधानी बरतें. हां, यह भी जानकारी होना जरूरी है कि मंगल प्रधान व्यक्ति को सेना तथा पुलिस सेवा में जाने का योग बनता है. साथ में गुरु या सूर्य विराजमान हो, तो इस कैरियर में वह काफी ऊंचा पद प्राप्त करता है और लोकप्रिय होता है. डॉ बर्मन ने कहा कि मंगल की अच्छी स्थिति देखते ही मंगल का रत्न धारण करना हमेशा उचित नहीं होता. जातक की जन्मकुंडली की बाकी स्थिति के विश्लेषण के पश्चात ही रत्न धारण करना जरूरी है. उन्होंने कहा कि मंगल का नकारात्मक प्रभाव हो, तो भूल कर भी मूंगा धारण नहीं करना चाहिए. ऐसी स्थिति में शारीरिक आघात तथा दुर्घटना की संभावना बढ़ जाती है.
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जन्मकुंडली की जांच के बाद ही धारण करें रत्न
ऑनलाइन ज्योतिष काउंसलिंगरांची. प्रभात खबर कार्यालय में मंगलवार को ऑनलाइन ज्योतिष काउंसलिंग का आयोजन किया गया. इस दौरान ज्योतिषी डॉ सुनील बर्मन (स्वामी दिव्यानंद) ने पाठकों के सवालों के जवाब दिये. उन्होंने बताया कि नवग्रह मंडल में मंगल को सेनापति की उपाधि प्राप्त है. मंगल स्वभाव से तेजस्वी है, किंतु उग्र भी है. मंगल कभी-कभी […]
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