35.4 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

बंध्याकरण मामले में डाक्टर गिरफतार

एजेंसियां, बिलासपुरछत्तीसगढ़ के बिलासपुर जिले में नसबंदी के बाद 13 महिलाओं की मौत की घटना के मामले में पुलिस ने ऑपरेशन करनेवाले चिकित्सक आरके गुप्ता को गिरफ्तार कर लिया गया है. चिकित्सक को बलौदा बाजार जिले में उनके रिश्तेदार के घर से धारा 304 (दो) के तहत गिरफ्तार किया गया है. महिलाओं की मौत के […]

एजेंसियां, बिलासपुरछत्तीसगढ़ के बिलासपुर जिले में नसबंदी के बाद 13 महिलाओं की मौत की घटना के मामले में पुलिस ने ऑपरेशन करनेवाले चिकित्सक आरके गुप्ता को गिरफ्तार कर लिया गया है. चिकित्सक को बलौदा बाजार जिले में उनके रिश्तेदार के घर से धारा 304 (दो) के तहत गिरफ्तार किया गया है. महिलाओं की मौत के मामले में राज्य शासन ने डॉक्टर गुप्ता के खिलाफ मामला दर्ज कराया था. बिलासपुर जिले के सकरी (पेंडारी) गांव में बीते शनिवार को एक निजी अस्पताल में शासकीय परिवार कल्याण स्वास्थ्य शिविर में 83 महिलाओं का ऑपरेशन किया गया था. बाद में महिलाओं ने उल्टी और सिर दर्द की शिकायत की तब उन्हें अस्पताल पहुंचाया गया. बाद में अस्पताल में 12 महिलाओं की मौत हो गयी. वहीं जिले के पेंडरा क्षेत्र में नसबंदी के बाद एक आदिवासी महिला की मौत हो गयी है.सम्मानित हो चुके हैं चिकित्सकरोचक तथ्य है कि डॉ गुप्ता को अपने कॅरियर में 50,000 सर्जरी करने के लिए इस साल गणतंत्र दिवस पर सम्मानित किया गया था. नसबंदी के बाद महिलाओं की मौत के मामलों को देखते हुए राज्य शासन ने नयी दिल्ली एम्स के चिकित्सकों की सेवाएं लेने का फैसला किया था. एम्स के सात डाक्टरों की टीम ने बुधवार को बिलासपुर जिला मुख्यालय का दौरा किया था. वहीं राज्य शासन ने महिलाओं की मौत की घटना के बाद शिविर में इस्तेमाल की गयी छह संदिग्ध औषधियों की बिक्री पर प्रतिबंध लगा दिया है. राज्य शासन ने मेडिकल की दुकानों को इन दवाओं की बिक्री नहीं करने के लिए कहा है.मौत की वजह दवाएं, फंसाया गया : गुप्ताउधर, गिरफ्तार चिकित्सक आरके गुप्ता ने संदिग्ध गुणवत्तावाली दवाइयों को महिलाओं की मौत के लिए जिम्मेदार ठहाराया है. चिकित्सक ने आरोप लगाया है कि उन्हें फंसाया जा रहा है. गुप्ता ने कहा कि नसंबदी के बाद महिलाओं को दर्द और एंटीबायटिक दवाइयां आइब्रुफेन और सिप्रोक्सिन दिया गया था. दवा लेने के बाद महिलाओं ने उल्टी और सिरदर्द की शिकायत की थी. इससे यह सामने आ रहा है कि महिलाओं की मौत संदिग्ध गुणवत्तावाली दवाओं के कारण हुई है. उन्होंने कहा कि वह लंबे समय से ऑपरेशन कर रहे हैं तथा इस दौरान उन्हांेने हजारों महिलाओं की नसबंदी की है, लेकिन ऐसी घटना की जानकारी नहीं है. ऑपरेशन से पहले औजारों को पूरी तरह सुरक्षित कर लिया गया था. इसके बाद ही ऑपरेशन किया गया. शासन की नीतियों के तहत उन्हें फंसाया जा रहा है. गुप्ता ने कहा कि जो भी दवाइयां खरीदी गयी थी उनकी जांच नहीं की गयी थी. डॉक्टर केवल देख कर यह नहीं बता सकता है कि दवा असली है कि नकली. दवाइयांे का परीक्षण के बाद ही इसे चिकित्सक को दिया जाना चाहिए. उन्होंने कहा कि प्रशासन स्वयं को बचाने के लिए उन्हें फंसा रहा है, जबकि प्रशासन भी बराबर का दोषी है.मौत के मामले चिंताजनक : मूनसंयुक्त राष्ट्र. संयुक्त राष्ट्र प्रमुख बान की मून ने कहा कि भारत में नसबंदी ऑपरेशन के बाद 11 महिलाओं की मौत के मामले चिंताजनक हैं और सरकार को यह सुनिश्चित करने के लिए उचित कदम उठाने चाहिए कि इस तरह की चिकित्सकीय प्रक्रियाएं सुरक्षित और स्वच्छ तरीके से संपन्न हों. बान के प्रवक्ता फरहान हक ने कहा कि जब दुनिया में कहीं इस तरह की चिकित्सकीय प्रक्रियाएं होती हैं तो हम सुनिश्चित करना चाहते हैं कि सभी अधिकारी इस बात का विशेष ध्यान रखें कि ये प्रक्रियाएं यथासंभव सुरक्षित और स्वच्छ तरीके से संपन्न हों.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें