27.4 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

संडे परिवार के साथ बिताऊं

रिनपास के निदेशक डॉ अमूल रंजन ने शेयर की निजी बातें…फेवरिट खाना : वेज फेवरिट किताब : ‘मैैनी लाइफ, मैनी मास्टर्स’लाइफ रिपोर्टर @ रांची युवाओं को अपनी मेहनत और काबिलियत पर भरोसा रखना चाहिए. तभी युवा आगे बढ़ सकते हैं. ये कहना है रिनपास के निदेशक डॉ अमूल रंजन का. वह कहतेे हैं कि आगे […]

रिनपास के निदेशक डॉ अमूल रंजन ने शेयर की निजी बातें…फेवरिट खाना : वेज फेवरिट किताब : ‘मैैनी लाइफ, मैनी मास्टर्स’लाइफ रिपोर्टर @ रांची युवाओं को अपनी मेहनत और काबिलियत पर भरोसा रखना चाहिए. तभी युवा आगे बढ़ सकते हैं. ये कहना है रिनपास के निदेशक डॉ अमूल रंजन का. वह कहतेे हैं कि आगे बढ़ने के लिए कोई शॉट कट रास्ता नहीं होता है. मेहनत से ही सफलता मिल सकती है. मैं भी कड़ी मेहनत कर यहां तक पहुंचा हूं. इसलिए आज भी सारा समय मनोरोगियों को ठीक करने में गुजरता है. डॉ अमूल कहते हैं : रोजाना काम तो करता ही हूं, लेकिन कोशिश रहती है कि संडे परिवार के साथ बिताऊं. हालांकि कभी-कभी ही यह संभव हो पाता है. वह कहते हैं कि बहुत मुश्किल से स्वयं और परिवार के लिए समय निकाल पाता है. हमारी जीवनशैली ऐसी हो गयी है कि खुद को छोड़ कर बाकी सारे कामों के लिए समय निकल जाता है. ………………………………कानपुर से हुई प्रारंभिक शिक्षाडॉ अमूल रंजन की प्रारंभिक शिक्षा कानपुर से हुई. कानपुर विश्वविद्यालय से उन्होंने मनोविज्ञान में मास्टर की डिग्री ली. इसके बाद सेंट्रल इंस्टीट्यूट ऑफ साइकियाट्री (सीआइपी) से एमफील व पीएचडी की डिग्री ली. पढ़ाई के बाद लंबा समय दिल्ली स्थित नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ मेंटल हेल्थ एंड न्यूरोसाइंस में काम किया. वर्ष 1997 में रांची आ गये. यहां उन्होंने रिनपास में बतौर सीनियर क्लीनिकल साइकोलॉजिस्ट के रूप में काम किया. आज वह रिनपास के निदेशक के रूप में सेवाएं दे रहे हैं. अब तक उन के नाम से दो सौ से अधिक रिसर्च जेनरल प्रकाशित हुआ है. परिवार का मिला साथडॉ सिंह कहते हैं कि कई बार तो कार्यक्रम की वजह से समय नहीं मिल पाता, लेकिन प्रयास करता हूं कि संडे परिवार के साथ ही बिताऊं. कभी-कभी तो बना हुआ प्रोग्राम कैंसिल करना पड़ता है. इसके बावजूद पत्नी अर्चना सिंह जो स्वयं एक मनोेचिकित्सक हैं, वह हमारी समस्या को समझती हैं. हमेशा मेरा साथ देती हैं. बेटी स्वेच्छा सिंह और बेटा श्रेय भी मेरी बात समझते हैं. कुकिंग नहीं किताबें हैं पसंदडॉ सिंह कहते हैं कि संडे या जब भी समय मिले तो किताबें पढ़ता हूं. अपने सब्जेक्ट के अलावा फिक्शन्स, बायोग्राफी पढ़ना पसंद करता हूं. फिलहाल ‘मैैनी लाइफ, मैनी मास्टरर्स’ किताब पढ़ रहा हूं. खाने-पीने का शौकीन हूं. किताबें पढ़ने के अलावा खाली समय में गाना सुनना पसंद करता हूं. पुराने गाने भी अच्छे लगते हैं.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें