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नीलोफर से निपटने के लिए भारत-पाक में हाईअलर्ट

गुजरात में एनडीआरएफ की बचाव टीम तैनातनौ टीमें विशेष परिस्थिति के लिए तैयारमहाराष्ट्र और पंजाब में तीन बटालियन तैयरएजेंसियां, नयी दिल्ली/इसलामाबादभारत की राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल ने चक्रवाती तूफान नीलोफर से निपटने के लिए गुजरात के संवेदनशील क्षेत्रों में अपनी टीमों को नियुक्त किया है. चक्रवाती तूफान के शुक्रवार को राज्य के तट पर पहुंचने […]

गुजरात में एनडीआरएफ की बचाव टीम तैनातनौ टीमें विशेष परिस्थिति के लिए तैयारमहाराष्ट्र और पंजाब में तीन बटालियन तैयरएजेंसियां, नयी दिल्ली/इसलामाबादभारत की राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल ने चक्रवाती तूफान नीलोफर से निपटने के लिए गुजरात के संवेदनशील क्षेत्रों में अपनी टीमों को नियुक्त किया है. चक्रवाती तूफान के शुक्रवार को राज्य के तट पर पहुंचने की आशंका है. एनडीआरएफ ने गांधीडैम, द्वारका, पोरबंदर, वीरावल और राजकोट में सात राहत और बचाव टीमों को नियुक्त किया है. दो बचाव टीमों को भुज में भी तैनात किया गया है. सरकारी प्रवक्ता ने यह जानकारी दी. बाढ़ से बचाव संबंधी उपकरणोंवाली नौकाओं को चक्रवाती तूफान निलोफर के कारण पैदा होनेवाली किसी भी चुनौती से निपटने के लिए भेजा जा रहा है. इसके अलावा एनडीआरएफ की नौ टीमों को तैयार रखा गया है जो तैनाती के निर्देश मिलने पर तुरंत सक्रिय हो जायेंगी. एनडीआरएफ ने गुजरात के बढ़ोदरा, महाराष्ट्र के पुणे तथा पंजाब के बठिंडा में तैनात अपनी तीन बटालियनों को भी सतर्क कर दिया है. उधर, तूफान से निपटने के लिए पाकिस्तान भी एहतियाती कदम उठा रहा है. तूफान का वेग तेज हो चुका है और यह पाकिस्तान के सिंध प्रांत की राजधानी कराची से फिलहाल 1100 किलोमीटर से अधिक की दूरी पर है. पाकिस्तान के मौसम विभाग के अनुसार यह चक्रवात धीरे-धीरे तेज होता हुआ ‘गंभीर उष्णकटिबंधीय चक्रवात’ में तब्दील हो रहा है. इससे समुद्र में बुधवार से शुक्रवार तक हालात खराब बने रहेंगे.दूरसंचार सेवा सुचारु रखने का निर्देशइस बीच सरकार ने नीलोफर को ध्यान में रखते हुए गुजरात में दूरसंचार कंपनियों से कहा है कि वे अंतर-सर्किल रोमिंग व्यवस्था के तहत 15 दिन के लिए अपने-अपने बुनियादी ढांचे की साझेदारी करें. सरकार ने नीलोफर का प्रदेश स्तर पर असर होने की स्थिति में संचार व्यवस्थाएं बहाल करने के मद्देनजर यह कदम उठाया है. दूरसंचार विभाग के अनुसार उपलब्ध सूचनाओं के आधार पर इस चक्रवात से कच्छ, जामनगर, जूनागढ़ व पोरबंदर जिला प्रभावित हो सकता है. अन्य कदमों के तहत गुजरात में काल सेंटर स्थापित करना भी है जिनका हेल्पलाइन नंबर 1948 होगा. दूरसंचार सेवाओं, लापता व्यक्तियों के लिए इस नंबर की मदद ली जा सकेगी.पाकिस्तान ने उठाया एहतियाती कदमनीलोफर तूफान से निपटने के लिए पाकिस्तान भी एहतियाती कदम उठा रहा है. प्रमुख मौसम विज्ञानी तौसीफ आलम ने मीडिया को बताया कि चक्रवात पहले ओमान के तट की ओर पश्चिम उत्तरपश्चिम दिशा में आगे बढ़ेगा फिर उत्तर पूर्व की ओर बढ़ते हुए भारत में गुजरात और पाकिस्तान में दक्षिण पूर्वी सिंध क्षेत्र के तटों से टकरायेगा. इसकी जद में सिंध के तटीय क्षेत्र आयेंगे और नगरपरकार, मिथि, चोर, उमरकोट, चाच्रो, इसलामकोट, थट्टा, जाटी, केती बंदर, बादिन और कराची में तूफान के प्रभाव की चेतावनी दी गयी है. तूफान की वजह से इन इलाकों में बुधवार से शुक्रवार के बीच तेज हवाएं चलेंगी और हलकी से भारी बारिश होगी. बलूचिस्तान में ग्वादर, पासनी, जीवानी और और्मारा मंंे भी इसका प्रभाव दिखायी देगा. आलम ने निलोफर को 2010 में सिंध में आये फेत चक्रवात के समान बताया. प्रशासन ने मछुआरांे को चेतावनी दी है कि वह समुद्र में न जायें और तटीय क्षेत्रों में रहनेवाले निवासियों से आपदा के समय सुरक्षित स्थानों पर जाने के लिए तैयार रहने को कहा गया है. कराची के कमिश्नर शोएब सिद्दीकी ने मछुआरों का उफनते समुद्र से वापस लाने के लिए पाकिस्तान की नौसेना, तटीय सुरक्षाकर्मियों, मैरीटाइम सिक्युरिटी एंजेंसी, रेस्क्यू 1299 और मछुआरों के संगठनांंे से मदद मांगी है.

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