सुरजीत सिंह
दुष्कर्म की कथित घटना के आरोपी की पत्नी ने लगाया आरोप
रांची : रामगढ़ के होटल व्यू एंड विजन में वर्ष 2009 में हुए कथित दुष्कर्म की घटना के एक आरोपी गोरंग राय की पत्नी पार्वती राय ने पुलिस अफसरों पर गंभीर आरोप लगाये हैं. सीआइडी जांच की मांग को लेकर मुख्यमंत्री को दिये गये आवेदन में पार्वती ने कहा है कि उनके पति व बेटे को फंसाया गया है. पार्वती देवी ने रामगढ़ के तत्कालीन थानेदार विनय मंडल पर उनके पति से 10 लाख रुपये मांगने का आरोप लगाया है.
पार्वती के अनुसार रुपये नहीं देने पर उन्हें गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया. आवेदन के मुताबिक होटल को किसी चिट फंड कंपनी ने खरीदा था. उनके बेटे ने 25 हजार रुपये प्रतिमाह की दर पर होटल को तीन साल के लिए किराये पर लिया था. चिट फंड कंपनी ने होटल बेचने की तैयारी कर रखी थी. इसका गोरंग राय व उनके बेटे ने विरोध किया था. पार्वती के अनुसार इसके बाद चिट फंड कंपनी के निदेशक मंडल के सदस्यों ने उनके परिवार को झूठे मामले में फंसा कर बरबाद कर देने की धमकी दी थी. जिस आवेदन के आधार पर मुख्यमंत्री ने मामले की सीआइडी जांच का आदेश दिया, उसके मुताबिक पुलिस के दो कनीय पदाधिकारी मदन पासवान और विनय मंडल (रामगढ़ थाना के तत्कालीन प्रभारी) दो माह (12.09.2009-08.11.2009) तक होटल के एसी कमरे में रहे थे.
भाड़ा नहीं देने के कारण कमरे को जबरन खाली करवाया गया था. इसी दौरान 10 नवंबर 2009 को सुरेंद्र प्रसाद अपनी कथित बेटी के साथ होटल में आये. उन्होंने अपना पहचान पत्र (पटना नगर निगम का अभियंता) देकर कमरा बुक कराया. दोनों की गतिविधि को देख होटल के मैनेजर ने कमरा खाली करने को कहा. इसके बाद सुरेंद्र प्रसाद और युवती कहीं चले गये. रात के करीब 8.30 बजे दोनों आये और कमरे में चले गये. रात के 10.30 बजे होटल का कर्मचारी मच्छर भगाने का क्वाइल देने गया, तब दोनों को आपत्तिजनक स्थिति में पाया. इसकी जानकारी रामगढ़ थाने को मौखिक रूप से दी गयी. इसके बाद रामगढ़ थाना के प्रभारी विनय मंडल होटल में आये और कमरे में जाकर सुरेंद्र प्रसाद से आधे घंटे तक बात की. इस दौरान चिट फंड कंपनी के कुछ लोग भी आ गये.
उसके बाद पुलिस सुरेंद्र प्रसाद और युवती को थाना ले गयी. उसके बाद दोनों दो घंटे बाद होटल आ गये. दूसरे दिन सुबह के करीब आठ बजे थाना प्रभारी विनय मंडल गोरंग राय के घर पर आये और कहा कि डीएसपी साहब बुला रहे हैं. करीब एक घंटा बाद गोरंग राय थाना पर गये. वहां पर थाना प्रभारी की ओर से गोरंग राय से 10 लाख रुपये की मांग की गयी. नहीं देने पर 12 नवंबर 2009 को उन्हें जेल भेज दिया गया. गोरंग राय के बेटे ने 14 नवंबर 2009 को अदालत में सरेंडर किया.