संवाददाता, रांचीनिर्वाचन आयोग ने झारखंड विधानसभा चुनाव के दौरान राजनीतिक दलों और प्रत्याशियों के लिए आदर्श आचार संहिता जारी की है. इस आचार संहिता में कई अहम बातें कही गयी हैं.साधारण आचरण(1) किसी दल या प्रत्याशी को ऐसा कोई कार्य नहीं करना चाहिए, जो विभिन्न जातियों और धार्मिक याभाषाई समुदायों के बीच विद्यमान मतभेदों को बढ़ाये या घृणा की भावना उत्पन्न करे या तनाव पैदा करे.(2) जब अन्य राजनीतिक दलों की आलोचना की जाये, तो वह उनकी नीतियों और कार्यक्रम, पूर्वरिकॉर्ड और कार्य तक ही सीमित होनी चाहिए . यह भी आवश्यक है कि व्यक्तिगत जीवन के ऐसे मुद्दों की आलोचना नहीं की जानी चाहिए, जिनका संबंध अन्य दलों के नेताओं या कार्यकर्त्ताओं केसार्वजनिक क्रियाकलाप से न हो. दलों या उनके कार्यकर्त्ताओं के बारे में कोई ऐसी आलोचना नहीं कीजानी चाहिए, जो ऐसे आरोपों पर, जिनकी सत्यता स्थापित न हुई हो या जो तोड़-मोड़ कर कही गयी बातोंपर आधारित हों.(3) मत प्राप्त करने के लिए जातीय या सांप्रदायिक भावनाओं की दुहाई नहीं दी जानी चाहिए. मसजिदों, गिरजाघरों, मंदिरों या पूजा के अन्य स्थानों का निर्वाचन प्रचार के मंच के रूप में प्रयोग नहींकिया जाना चाहिए.(4) सभी दलों और अभ्यर्थियों को ऐसे सभी कायार्ें से बचना चाहिए, जो निर्वाचनकानून के तहत ‘भ्रष्ट आचरण’ और अपराध है. जैसे कि मतदाताओं को रिश्वत देना, मतदाताओं कोडराना/धमकाना, मतदान केंद्र के 100 मीटर के भीतर वोट मांगना,मतदान की समाप्ति के लिए नियत समय को खत्म होने वाली 48 घंटे की अवधि के दौरान सार्वजनिकसभाएं करना और मतदाताओं को वाहन से मतदान केंद्रों तक ले जाना और वहां से वापस लाना.(5) सभी राजनीतिक दलों या अभ्यर्थियों को इस बात का प्रयास करना चाहिए कि वे प्रत्येक व्यक्ति केशांतिपूर्ण और घरेलू जिंदगी के अधिकार का आदर करें, चाहे वे उसके राजनीतिक विचारों याकायार्ें के खिलाफ क्यों न हों. व्यक्तियों के विचारों या कायार्ें का विरोध करने के लिए उनके घरोंके सामने प्रदर्शन करने या धरना देने के तरीकों का सहारा किसी भी परिस्थति में नहीं लेना चाहिए.(6) किसी भी राजनीतिक दल या अभ्यर्थी को झंडा बनाने, झंडा टांगने, सूचनाएं चिपकाने, नारेलिखने आदि के लिए किसी भी व्यक्ति को भूमि, भवन, अहाते, दीवार आदि का उसकी अनुमति के बिनाउपयोग करने की अनुमति नहीं देनी चाहिए.(7) राजनीतिक दलों और अभ्यर्थियों को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि उनके समर्थक अन्य दलोंद्वारा आयोजित सभाओं-जुलूसों आदि में बाधाएं उत्पन्न न करें या उन्हें भंग न करें. एक राजनीतिक दलके कार्यकर्त्ताओं या शुभचिंतकों को दूसरे राजनीतिक दल द्वारा आयोजित सार्वजनिक सभाओं में मौखिक रूपसे या लिखित रूप से प्रश्न पूछ कर या अपने दल के परचे वितरित करके गड़बड़ी पैदा नहीं करनी चाहिए. किसी दल द्वारा जुलूस उन स्थानों से होकर नहीं ले जाना चाहिए, जिन स्थानों पर दूसरे दल द्वारासभाएं की जा रही हों. एक दल द्वारा लगाये गये पोस्टर दूसरे दल के कार्यकर्त्ताओं द्वारा हटाये नहीं जानेचाहिए.सभाएं(1) दल या अभ्यर्थी को किसी प्रस्तावित सभा के स्थान और समय के बारे में स्थानीय प्राधिकारियों कोउपयुक्त समय पर सूचना दे देनी चाहिए, ताकि वे यातायात को नियंत्रि़त करने और शांति तथा व्यवस्थाबनाये रखने के लिए आवश्यक इंतजाम कर सकें.(2) दल या अभ्यर्थी को उस दशा में पहले ही यह सुनिश्चित कर लेना चाहिए कि उस स्थान पर, जहांसभा करने का प्रस्ताव है, कोई प्रतिबंधित आदेश लागू तो नहीं है. यदि ऐसे आदेश लागूहों, तो उनका कड़ाई के साथ पालन किया जाना चाहिए. यदि ऐसे आदेशों से कोई छूट चाहिए, तोउसके लिए समय से आवेदन कर अनुमति लेनी चाहिए.(3) यदि किसी प्रस्तावित सभा के संबंध में लाउडस्पीकरों के उपयोग या किसी अन्य सुविधा के लिएअनुज्ञा या अनुज्ञप्ति प्राप्त करनी हो, तो दल या अभ्यर्थी को संबद्घ प्राधिकारी के पास काफी पहले ही सेआवेदन करना चाहिए और अनुमति प्राप्त कर लेनी चाहिए.(4) किसी सभा के आयोजकों के लिए यह अनिवार्य है कि वे सभा में विघ्न डालने वाले या अव्यवस्था फैलाने का प्रयत्न करनेवाले व्यक्तियों से निबटने के लिए ड्यूटी पर तैनात पुलिस की सहायताप्राप्त करें. आयोजक स्वयं ऐसे व्यक्तियों के खिलाफ कोई कार्रवाई न करें.जुलूस(1) जुलूस का आयोजन करने वाले दल या प्रत्याशियों को पहले ही यह बात तय कर लेनी चाहिए किजुलूस किस समय और किस स्थान से शुरू होगा, किस मार्ग से होकर जायेगा और किस समय और किसस्थान पर समाप्त होगा. सामान्यत: कार्यक्रम में कोई फेरबदल नहीं होनी चाहिए.(2) आयोजकों को चाहिए कि वे कार्यक्रम के बारे में स्थानीय पुलिस पदाधिकारियों को पहले से सूचनादे दें, ताकि वे आवश्यक प्रबंध कर सकें.(3) आयोजकों को यह पता कर लेना चाहिए कि जिन इलाकों से होकर जुलूस गुजरता है, उनमें कोईप्रतिबंध का आदेश तो लागू नहीं है और जब तक सक्षम प्राधिकारी द्वारा विषेश रूप से छूट न दे दी जाये,आदेश का पालन करना चाहिए.(4) आयोजकों को जुलूस का आयोजन ऐसे ढंग से करना चाहिए, जिससे कि यातायात में कोईरूकावट या बाधा उत्पन्न किये बिना जुलूस का निकलना संभव हो सके. यदि जुलूस बहुत लंबा है, तोउसे उपयुक्त लंबाई वाले टुकड़ों में संगठित किया जाना चाहिए, ताकि यातायात के लिएसमय-समय पर रास्ता दिया जा सके.(5) जुलूसों की व्यवस्था ऐसी होने चाहिए कि जहां तक हो सके, उन्हें सड़क की दायीं ओर रखा जायेऔर ड्यूटी पर तैनात पुलिस के निर्देश और सलाह का कड़ाई के साथ पालन किया जाना चाहिए.(6) यदि दो या अधिक राजनीतिक दलों या अभ्यर्थियों ने लगभग उसी समय पर उसी रास्ते से याउसके भाग से जुलूस निकालने का प्रस्ताव किया है, तो आयोजकों को चाहिए कि वे समय से काफी पूर्व आपस में संपर्क स्थापित करें और ऐसी योजना बनाएं, जिससे कि जुलूसों में टकराव न हो या यातायातको बाधा न पहुंचे. स्थानीय पुलिस की सहायता संतोषजनक इंतजाम करने के लिए सदा उपलब्ध होगी.इस प्रयोजन के लिए दलों को यथाशीघ्र पुलिस से संपर्क स्थापित करना चाहिए.(7) किसी भी राजनीतिक दल या प्रत्याशी को अन्य राजनीतिक दलों के सदस्यों या उनके नेताओं केपुतले लेकर चलने, उनको सार्वजनिक स्थान मेंे जलाने और इसी प्रकार के अन्य प्रदर्शनों का समर्थन नहींकरना चाहिए.
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राजनीतिक दलों और प्रत्याशियों के लिए आचार संहिता
संवाददाता, रांचीनिर्वाचन आयोग ने झारखंड विधानसभा चुनाव के दौरान राजनीतिक दलों और प्रत्याशियों के लिए आदर्श आचार संहिता जारी की है. इस आचार संहिता में कई अहम बातें कही गयी हैं.साधारण आचरण(1) किसी दल या प्रत्याशी को ऐसा कोई कार्य नहीं करना चाहिए, जो विभिन्न जातियों और धार्मिक याभाषाई समुदायों के बीच विद्यमान मतभेदों को […]
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