आंखों के तिरछापन का जल्द करायें इलाज ऑनलाइन काउंसलिंग के तहत रविवार को प्रभात खबर कार्यालय में हेल्थ काउंसलिंग के दौरान हमारे साथ नेत्र रोग विशेषज्ञ डॉक्टर राशि श्याम ने पाठकों के सवालों का जवाब दिया. उन्होंने बताया कि आंखों का नियमित जांच करानी चाहिए. आंखों में तिरछापन की समस्या पर ध्यान केंद्रित करते हुए उन्होंने बताया कि तिरछापन कई प्रकार से होते हैं. नवजात शिशु व बढ़ते बच्चों में किसी गंभीर बीमारी जैसे डायरिया आदि के कारण अत्यधिक कमजोरी हो जाती है और आंखों में तिरछापन आ जाता है. कभी-कभी बच्चों में अत्यधिक थकने के कारण भी आंख में तिरछापन दिखता है लेकिन जब वो सो कर उठते हैं तो आंख अपनी सही अवस्था में दिखती है. मधुमेह और ब्लड प्रेशर के कारण भी आंखों पर तिरछेपन का असर पड़ता है. इसमें आंखों से एक ही वस्तु दो दिखाई पड़ती हैं. आंखों पर चोट लगने से भी आंखों में तिरछापन आ जाता है. ऐसे में तिरछेपन के कारण आंखों की रोशनी कम होने लगती है. बच्चों में तिरछेपन की समस्या होने पर चश्मा से इसका निवारण किया जाता है. यदि चश्मा से तिरछेपन की समस्या दूर नहीं होती है तो इसका जल्द इलाज कराया जाना जरूरी है. उन्होंने बताया कि कई बार बच्चों के बड़े होने के बाद आंखों का इलाज कराने की सोच कर बच्चों में आंखों की समस्या को प्राय: नजरअंदाज कर दिया जाता है जो काफी नुकसानदायक साबित होता है. वयस्क में आंखों के तिरछापन को दवाई से ठीक किया जाता है. इसे ऑपरेशन कर भी सही किया जाता है. डॉक्टर इसके लिए बीपी और सुगर को कंट्रोल में रखने की सलाह देती हैं. डॉक्टर का पता कमल आई क्लिनिकदूसरा तल्ला, श्री साई टॉवर देबूका नर्सिंग होम लेनबर्दमान कंपाउंड, लालपुररांची दूरभाष 0651-2560478,256488
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12 अक्टूबर ऑनलाइन हेल्थ काउंसलिंग
आंखों के तिरछापन का जल्द करायें इलाज ऑनलाइन काउंसलिंग के तहत रविवार को प्रभात खबर कार्यालय में हेल्थ काउंसलिंग के दौरान हमारे साथ नेत्र रोग विशेषज्ञ डॉक्टर राशि श्याम ने पाठकों के सवालों का जवाब दिया. उन्होंने बताया कि आंखों का नियमित जांच करानी चाहिए. आंखों में तिरछापन की समस्या पर ध्यान केंद्रित करते हुए […]
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