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अफसरों ने कर रखा है सरकारी घरों पर कब्जा, नोटिस

।। विवेक चंद्र ।। रांची : राज्य सरकार के बड़े अधिकारियों ने सरकारी आवासों पर कब्जा कर रखा है. भवन निर्माण विभाग ने घर कब्जा करनेवाले अधिकारियों को बाजार दर से 15 गुना बढ़ा कर किराया भरने का नोटिस दिया है. घर कब्जा करने वालों की सूची में आइएएस और आइपीएस अफसर शामिल हैं. इन […]

।। विवेक चंद्र ।।

रांची : राज्य सरकार के बड़े अधिकारियों ने सरकारी आवासों पर कब्जा कर रखा है. भवन निर्माण विभाग ने घर कब्जा करनेवाले अधिकारियों को बाजार दर से 15 गुना बढ़ा कर किराया भरने का नोटिस दिया है. घर कब्जा करने वालों की सूची में आइएएस और आइपीएस अफसर शामिल हैं. इन अफसरों ने राज्य के अन्य हिस्सों में पदस्थापित रहने के बाद भी रांची में आवंटित आवास खाली नहीं किया. सूची में ऐसे भी अधिकारी हैं, जिन्होंने आवंटित आवास के अलावा अनाधिकृत रूप से अन्य सरकारी आवास पर भी कब्जा जमा रखा है. अधिकारियों को दंड की राशि जमा करते हुए 15 दिनों के अंदर आवास खाली करने के लिए कहा गया है.

* लाखों रुपये का दंड भरना होगा अधिकारियों को : सरकारी आवासों पर कब्जा करने वाले अधिकारियों को दंड के रूप में लाखों रुपये भरने होंगे. आइएएस और आइपीएस अधिकारियों ने डोरंडा, एचइसी और मोरहाबादी इलाके में स्थित सबसे बढि़या सरकारी आवासों पर कब्जा कर रखा है. कुछ अधिकारी तीन या अधिक वर्षों से आवास पर कब्जा जमाये हुए हैं.

इन अधिकारियों को एक से चार लाख रुपये तक का दंड भरना होगा. वहीं, घर कब्जा करने वालों में से कई अधिकारी ऐसे हैं, जो रांची से स्थानांतरित होने के बाद दोबारा रांची में पदस्थापित किये गये. उन अधिकारियों को पदस्थापन अवधि को छोड़ कर दंड भरने के लिए कहा गया है. कार्मिक विभाग से अब तक किये गये तबादलों की सूची मांग कर अफसरों को नोटिस किया गया है.

* क्या है नियम

राज्य के सरकारी कर्मचारियों को उनके पदस्थापन की जगह पर सरकारी आवास उपलब्ध कराये जाने की नियम है. अफसरों को उनकी वरीयता के मुताबिक आवास उपलब्ध कराये जाते हैं. आइएएस और आइपीएस अफसरों को सबसे बढि़या आवास आवंटित होता है. आवास का आवंटन संबंधित जिले में उनके तबादले के एक महीने बाद तक के लिए किया जाता है. उसके बाद आवास खाली नहीं करने पर छह महीने तक बाजार दर पर किराया और उसके बाद की अवधि के लिए 15 गुना दंड दिये जाने का प्रावधान है. बाजार दर की राशि रियायती दर पर निर्धारित सरकारी किराये का पांच गुना होता है.

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