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मारन ने अपनी कंपनी बेचने के लिए बनाया था ‘दबाव’

प्रोमोटर शिवशंकरण को कारोबार करने से रोका : सीबीआइदूरसंचार मंत्री रहते मारन ने कई मुद्दों को लंबित रखा एजेंसियां, नयी दिल्लीसीबीआइ ने गुरुवार को विशेष अदालत से कहा कि पूर्व दूरसंचार मंत्री दयानिधि मारन ने 2006 में एयरसेल और दो सहयोगी कंपनियों में अपने शेयर मलयेशियाई कंपनी मैक्सिस ग्रुप को बेचने के लिए चेन्नई स्थित […]

प्रोमोटर शिवशंकरण को कारोबार करने से रोका : सीबीआइदूरसंचार मंत्री रहते मारन ने कई मुद्दों को लंबित रखा एजेंसियां, नयी दिल्लीसीबीआइ ने गुरुवार को विशेष अदालत से कहा कि पूर्व दूरसंचार मंत्री दयानिधि मारन ने 2006 में एयरसेल और दो सहयोगी कंपनियों में अपने शेयर मलयेशियाई कंपनी मैक्सिस ग्रुप को बेचने के लिए चेन्नई स्थित दूरसंचार प्रोमोटर सी शिवशंकरण पर ‘दबाव डाला’ था और ‘बाध्य’ किया था. सीबीआइ ने एयरसेल-मैक्सिस सौदा मामले में दाखिल आरोपपत्र पर विचार के दौरान अपनी दलीलें पेश करते हुए विशेष न्यायाधीश ओपी सैनी से कहा, ‘आरोपी संख्या एक (दयानिधि मारन) ने अपनी कंपनियों को बेचने के लिए शिवशंकरन को बाध्य किया. उन्होंने (शिवशंकरन ने) अपनी तीन फर्म आरोपी संख्या छह, मलयेशिया की मैक्सिस कम्युनिकेशन बरहाद को बेचे.’ सीबीआइ ने 29 अगस्त को दयानिधि मारन, उनके भाई कलानिधि मारन और चार फर्म समेत छह अन्य के खिलाफ मामले में आरोपपत्र दाखिल किया था. दलील के दौरान वरिष्ठ लोक अभियोजक केके गोयल ने अदालत से कहा, ‘इस मामले में बिक्रीकर्ता (शिवशंकरन) पीडि़त थे क्योंकि दयानिधि मारन ने उनको कारोबार करने की इजाजत नहीं दी.’ उन्होंने कहा दयानिधि मारन उस वक्त दूरसंचार मंत्री थे. उन्होंने शिवशंकरण की फर्मों से जुड़े अनेक मुद्दों को लंबित रखा और उन पर कोई फैसला नहीं किया गया.मलयेशियाई कंपनी को अनुचित लाभसीबीआइ ने कहा, ‘तीनों कंपनियों का गला घोंटा गया और वे अपना कारोबार करने में अक्षम थे.’ उसने कहा कि जैसे ही मैक्सिस ग्रुप ने शिवशंकरन की फर्म खरीदीं, दयानिधि मारन ने मलयेशियाई कंपनी को अनुचित लाभ देते हुए तमाम लंबित मुद्दे निबटा दिये. उसने दावा किया, ‘अगर आरोपी संख्या एक (दयानिधि) ने तमाम मुद्दे निबटा दिये होते और शिवशंकरन की फर्मों को लाइसेंस तथा स्पेक्ट्रम दे दिये होते तो कंपनियां खरीदने के लिए मैक्सिस ग्रुप को ज्यादा भुगतान करना होता.’ मारन बंधु के अतिरिक्त सीबीआइ ने मलयेशियाई कारोबारी टी आनंदा कृष्णन, मलयेशियाई नागरिक आगस्टस राल्फ मार्शल और चार फर्मों सन डाइरेक्ट टीवी प्राइवेट लि, मैक्सिस कम्युनिकेशन बरहार्द, एस्ट्रो ऑल एशिया नेटवर्क पीएलसी और साउथ एशिया एंटरटेनमेंट होल्डिंग लि को मामले में आरोपी के रूप में नामित किया. भारतीय दंड संहिता की धारा 120 बी (आपराधिक साजिश) और भ्रष्टाचार उन्मूलन अधिनियम की संबंधित प्रावधानों के तहत उनके खिलाफ आरोपपत्र दाखिल किया गया. अदालत ने अभियोजक की तरफ से दलीलें सुनने के बाद मामले की अगली सुनवाई के लिए 22 सितंबर की तारीख मुकर्रर की है.

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