रातू: राज्य में उर्दू को खत्म करने की साजिश हो रही है़ इसके खिलाफ संघर्ष की जरूरत है़ उर्दू शिक्षकों की नियुक्ति में सरकार की मंशा ठीक नहीं है़.
ये बातें विनोबा भावे विश्वविद्यालय के उर्दू विभागाध्यक्ष (सेवानिवृत्त) प्रो अबुजर उस्मानी ने कही. वे गुरुवार को मदरसा दारूल उलूम जाड़ी बानापीड़ी में आयोजित झारखंड उर्दू शिक्षक संघ के राज्य स्तरीय सम्मेलन को मुख्य अतिथि के रूप में संबोधित कर रहे थे.
उन्होंने कहा कि उर्दू मुसलमानों की मातृभाषा है़ इसी से हमारी पहचान है़ इसके बिना हमारा अस्तित्व खतरे में है. उन्होंने प्राइमरी स्तर पर मुसलिम बच्चों को उर्दू की शिक्षा दिये जाने का आह्वान किया. प्रो शाहिद हसन, प्रो वकील रिजवी, मौलाना साबिर, अयूब खलीफा, अब्दुल माजिद, मोहम्मद शाहिद व महमूद आलम ने उर्दू के विकास एवं प्रचार-प्रसार में ईमानदारी से कोशिश करने की अपील की़ सम्मेलन की शुरुआत हाफीज मोहम्मद इमरान ने तिलावत-ए-कुरान से की़ अध्यक्षता शरीफ अहसन मजहरी ने की. संचालन अमीन अहमद व धन्यवाद ज्ञापन अब्दुल हकीम नदवी ने किया. मौके पर राकिम अहसन, जेयाउल होदा, गुलाम अहमद, शहजाद अनवर, तहारत हुसैन व महमूद आलम उपस्थित थे.