21.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

क्या कहते हैं धरना पर बैठे विद्यार्थी

हमारी बात कोई सुनने वाला नहीं है. करीब चार से पांच लाख खर्च हो चुके हैं. माता-पिता को काफी उम्मीदें हंै. एडमिशन नहीं हुआ तो भविष्य बरबाद हो जायेगा. अगले साल की भी कोई गारंटी नहीं है. वंदना, रामगढ़इस सीट को बचाने में जान लगा देंगे. कठिन मेहनत के बल पर यह सीट मिली है. […]

हमारी बात कोई सुनने वाला नहीं है. करीब चार से पांच लाख खर्च हो चुके हैं. माता-पिता को काफी उम्मीदें हंै. एडमिशन नहीं हुआ तो भविष्य बरबाद हो जायेगा. अगले साल की भी कोई गारंटी नहीं है. वंदना, रामगढ़इस सीट को बचाने में जान लगा देंगे. कठिन मेहनत के बल पर यह सीट मिली है. मानसिक तनाव दिनों दिन बढ़ रहा है. पढ़ाई नहीं हो पा रही है. सेलेक्शन होने पर परिजनों ने मिठाइयां बांटी थी. अब उन्हें क्या बोले. अपराजिता, रांचीएमसीआइ का रवैया अव्यावहारिक है. कई राज्यों में सीटें बढ़ा दी गयी है. हमे इंसाफ चाहिए. हमारी बातों पर कोई ध्यान नहीं देता. मोदी जी तक हमारी बातों को नहीं पहुंचाया गया. अमन कुमार, रांचीक्या कहते हैं अभिभावकबच्चे बाहर में रह कर संघर्ष कर यहां तक पहुंचे हैं. बेटी को डॉक्टर बनाने के लिए सारी जमा पूंजी खर्च कर चुका हूं. पढ़ाई के दौरान कभी किसी चीज की कमी नहीं होने दी. फिर ऐसा क्यों हो रहा है ? विजय कुमार, पतरातूबेटी का सेलेक्शन होने पर चिंता खत्म हो गयी थी. लगा कि उनका सारी जीवन संवर गया, लेकिन अब भविष्य अंधेरे में दिख रहा है. बेटी को डॉक्टर बनाने के लिए खुद बिजनेस की शुरुआत की. रूबी देवी, देवघर

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें