रांची: संयुक्त सदान संघर्ष मोरचा के तत्वावधान में आगामी विधानसभा चुनाव में सदानों की भूमिका विषय पर एक दिवसीय विचार गोष्ठी का आयोजन कोकर चौक स्थित ग्रांड ओकेजन बैंक्वेट हॉल में किया गया.
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मोरचा के अध्यक्ष राजेंद्र प्रसाद ने कहा कि अलग राज्य की लड़ाई में सदानों की भूमिका महत्वपूर्ण थी. कई सदानों ने अपने प्राणों की आहूति दी थी. परंतु राज्य के अलग होते ही सदानों को यहां की बननेवाली सरकारों ने किनारे कर दिया. नतीजा राज्य में आज भी सदान दोयम दरजे के नागरिक बन कर रह गये हैं.
श्री प्रसाद ने कहा कि इस स्थिति के लिए दोषी सिर्फ राजनीतिक दल नहीं है, बल्कि इसमें हमारे सदान नौजवान साथियों की भी गलती है. वे थोड़े से पैसे के लालच में अपने विवेक का इस्तेमाल नहीं करते. श्री प्रसाद ने कहा कि सभी सदानों को गोलबंद होने की जरूरत है. तभी राज्य सरकार सदानों को उनका अधिकार देगी. श्री प्रसाद ने कहा कि राज्य के विभिन्न दलों के साथ हमारी बातचीत चल रही है. चुनाव में हमें भी हिस्सेदारी चाहिए. अगर हमें चुनाव में भागीदारी नहीं मिलती है, तो मोरचा राज्य के कई सीटों पर अपना उम्मीदवार खड़ा करेगा.
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए वरिष्ठ पत्रकार अनुज कुमार सिन्हा ने कहा कि राज्य का मुख्यमंत्री ऐसा हो, जिसके पास राज्य के विकास का विजन हो. वह आदिवासी-गैर आदिवासी कोई भी हो सकता है. राज्य में अब जिसकी भी सरकार बने, पूर्ण बहुमत के साथ सरकार बने. साथ ही जिन लोगों ने भी झारखंड आंदोलन में भागीदारी की है, उन्हें राज्य सरकार सम्मान दे. कार्यक्रम को अधिवक्ता पवन साहू, विमला साहू, इंजीनियर अजीत केसरी, विष्णु देव प्रसाद, मनीष कुमार, सुभाष साहू आदि ने भी संबोधित किया.