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हिंसा. असम सरकार ने केंद्र से मांगी सेना की अतिरिक्त टुकडि़यां

असम : फायरिंग में तीन मरे, अनिश्चितकालीन कर्फ्यू-12 अगस्त से जारी है हिंसा का दौर-9 लोगों की उरियमघाट में हत्या के बाद शुरू हुई हिंसागोलाघाट/जोरहाटअसम-नगालैंड सीमा पर रंगाजोन की घटना के विरोध में बुधवार को गोलाघाट शहर में प्रदर्शन कर रहे करीब एक हजार लोगों को नियंत्रित करने के लिए आंसू गैस के गोले छोड़े, […]

असम : फायरिंग में तीन मरे, अनिश्चितकालीन कर्फ्यू-12 अगस्त से जारी है हिंसा का दौर-9 लोगों की उरियमघाट में हत्या के बाद शुरू हुई हिंसागोलाघाट/जोरहाटअसम-नगालैंड सीमा पर रंगाजोन की घटना के विरोध में बुधवार को गोलाघाट शहर में प्रदर्शन कर रहे करीब एक हजार लोगों को नियंत्रित करने के लिए आंसू गैस के गोले छोड़े, फायरिंग की और लाठियां चलायीं. इसमें तीन लोगों की मौत हो गयी और छह अन्य घायल हो गये. पुलिस ने बताया कि भीड़ उपायुक्त कार्यालय और थाना को जलाना चाहते थे. उन्होंने एक अस्पताल को भी निशाना बनाया. इसके बाद हिंसाग्रस्त इलाकों में अनिश्चितकालीन कर्फ्यू लगा दिया गया. भीड़ रंगाजोन में पुलिस की ज्यादती का विरोध कर रही थी, जिसमें कथित तौर पर लोगों को घरांे से खींच कर उन्हें पीटा गया.केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने स्थिति की जानकारी लेने के लिए असम के मुख्यमंत्री तरुण गोगोई को फोन किया, तो सीएम ने अशांत क्षेत्रों में शांति और सामान्य स्थिति बहाली के लिए केंद्र से अर्द्धसैनिक बलों की अतिरिक्त कंपनियों की मांग की. उन्होंने गृह को आश्वासन दिया कि वह स्थिति सामान्य करने के लिए हरसंभव कोशिश करेंगे. इस बीच, गुवाहाटी सिटी बस एसोसिएशन ने घटना के विरोध में गुरुवार को सुबह पांच बजे से शाम पांच बजे तक शहर में बसें न चलाने का फैसला किया है.पुलिस ने बताया कि दोनों इमारतों से 300 मीटर से भी कम दूर रह जाने के बाद प्रदर्शनकारियों ने पुलिस पर पथराव शुरू कर दिया. इस पर पुलिस ने गोलियां चलायीं. गोलाघाट के एसपी सिलादित्य चेतिया ने कहा कि पुलिस ने निर्धारित नियमों के अनुसार प्रदर्शनकारियों को रोकने की कोशिश की. वे अड़े रहे, तो स्थिति नियंत्रित करने के लिए पुलिस को कार्रवाई करनी पड़ी, क्योंकि भीड़ सरकारी इमारतों और कुशल कंवर सिविल अस्पताल को निशाना बना रही थी.इससे पहले दिन में लाठियों-डंडों से लैस प्रदर्शनकारियों ने गोलाघाट के मोइनापारा में एनएच-37 पर एक पुलिस गश्ती दल पर हमला किया. इसमें एक सहायक उप निरीक्षक और दो सिपाही घायल हो गये. प्रदर्शनकारियों ने एक पुलिस वाहन में आग लगा दी. प्रदर्शनकारियों का आरोपघरों से खींच कर गोलियां चलायी पुलिस नेप्रदर्शनकारियों ने संवाददाताओं से कहा कि पुलिस और सीआरपीएफ ने मंगलवार को लोगों को उनके घरों से खींच कर बाहर निकाला और गोलियां चलायीं.मुख्यमंत्री के खिलाफ नारेबाजीभीड़ ने बुधवार सुबह कई स्थानों पर राजमार्ग को जाम कर दिया. प्रदर्शनकारियों ने मुख्यमंत्री तरुण गोगोई के खिलाफ नारेबाजी की और कहा कि वह पुलिस कार्रवाई के खिलाफ प्रदर्शन जारी रखेंगे, जब तक सरकार उन्हें नगालैंड से हमलों से सुरक्षा नहीं दिलाती.गोगोई का केंद्र पर आरोपमुख्यमंत्री तरुण गोगोई ने केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह पर नगालैंड के साथ राज्य के सीमावर्ती क्षेत्रों में सुरक्षा मुहैया कराने में नाकाम रहने का आरोप लगाया. उन्होंने कहा, ‘हां, सीमा पर जो हो रहा है, राज्य के मुख्यमंत्री के रूप में मैं उसके लिए जिम्मेदार हूं. लेकिन, आप राजनाथ सिंह पर दोषारोपण क्यों नहीं कर रहे हैं?’ उन्होंने कहा कि असम-नगालैंड सीमा विवादित विषय है और केंद्र ‘तटस्थ बल’ सीआरपीएफ के जरिये इस क्षेत्र पर नियंत्रण रखता है, जो वहां लोगों और संपत्ति की सुरक्षा मुहैया कराने में ‘नाकाम’ रहा है.पुलिस कार्रवाई की निंदामुख्यमंत्री ने गोलाघाट के रंगाजन इलाके में प्रदर्शनकारियों के खिलाफ पुलिस कार्रवाई की निंदा की. कहा कि सरकार इस मामले में जांच का आदेश देगी. गोगोई ने कहा, ‘कुछ पुलिसकर्मियों की गलती हो सकती है. पूरे बल पर दोष नहीं लगाया जा सकता. असम पुलिस अब भी देश के सर्वश्रेष्ठ पुलिस बलों में से एक है.

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