राष्ट्रीय औसत से पीछे है झारखंड2013-14, 2014-15 में नहीं मिला केंद्रीय अनुदानवरीय संवाददाता, रांचीझारखंड की 54 प्रतिशत आबादी आज भी खुले में शौच को मजबूर है. देश भर का राष्ट्रीय आौसत 70 फीसदी के आसपास है. राज्य के ग्रामीण इलाकों में शौचालय निर्माण को लेकर अब भी अनिश्चय की स्थिति बनी हुई है. मनरेगा कनवर्जेंस की वजह से शौचालय निर्माण का काम भी धीमा पड़ गया है. केंद्र सरकार के आंकड़ों को ही मानें, तो ग्रामीण क्षेत्रों में 45.13 फीसदी आबादी के पास ही शौचालय है. यानी 37.29 लाख ग्रामीण आबादी में से सिर्फ 17.20 लाख परिवारों के पास ही शौचालय की सुविधा है. गांवों में रहनेवाले एपीएल परिवारों की स्थिति काफी दयनीय है. एपीएल परिवारों में सिर्फ 17 फीसदी के पास ही घर के आंगन में शौचालय है. सरकार की ओर से 14.02 लाख से अधिक एपीएल परिवारों को शौचालय की सुविधाएं दी जानी थी, पर सिर्फ 2.37 लाख परिवारों को ही यह सुविधा मिल पायी. बीपीएल परिवारों की स्थिति कुछ ठीक-ठाक है. राज्य के 40 हजार से अधिक स्कूलों में से 92.57 प्रतिशत विद्यालयों में शौचालय हैं, पर वहां पर अन्य सुविधाएं नहीं हैं. आंगनबाड़ी केंद्रों में भी बेहतर शौच की व्यवस्था झारखंड में नहीं है. कहने को झारखंड में शौचालय बनाने के लिए केंद्र सरकार ने दिसंबर 2013 तक 604.85 करोड़ रुपये के अनुदान की स्वीकृति दी. इसमें से 343 करोड़ से अधिक केंद्र से मिले, जबकि खर्च की गयी 237 करोड़ रुपये. 2013-14 में तो झारखंड में शौचालय निर्माण का प्रदर्शन काफी खराब रहा. दिसंबर तक सिर्फ 8.17 प्रतिशत आबादी को ही शौचालय बनाने में सहायता दी गयी. केंद्र सरकार ने 277 करोड़ से अधिक राशि खर्च करने का निर्देश भी दिया, पर अधिकतर जिलों में शौचालय निर्माण की प्रगति धीमी रही. पिछले तीन-चार वर्षों से राज्य के किसी भी पंचायत को निर्मल पंचायत अथवा निर्मल ग्राम का पुरस्कार नहीं मिला है. 2014-15 में खुले में शौच करने से मुक्त गांव की संख्या बढ़ाने का निर्णय जरूर लिया गया है.
झारखंड में 55 फीसदी आबादी खुले में शौच को मजबूर (संपादित)
राष्ट्रीय औसत से पीछे है झारखंड2013-14, 2014-15 में नहीं मिला केंद्रीय अनुदानवरीय संवाददाता, रांचीझारखंड की 54 प्रतिशत आबादी आज भी खुले में शौच को मजबूर है. देश भर का राष्ट्रीय आौसत 70 फीसदी के आसपास है. राज्य के ग्रामीण इलाकों में शौचालय निर्माण को लेकर अब भी अनिश्चय की स्थिति बनी हुई है. मनरेगा कनवर्जेंस […]
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