रांची/कोलकाता: आलू निर्यात पर लगी रोक के खिलाफ बंगाल के उत्तरी हिस्से के आलू व्यवसायियों ने आंदोलन जारी रखने की चेतावनी दी है. सोमवार को राइटर्स बिल्डिंग में कृषि विपणन मंत्री अरूप राय के साथ पश्चिम बंगाल प्रगतिशील आलू व्यवसायी समिति व आलू व्यवसायी समिति के प्रतिनिधियों ने बैठक की.
बैठक में दोनों समितियों ने राज्य सरकार से आलू निर्यात पर लगी रोक हटाने की मांग की.
उनके मुताबिक मिली निर्यात छूट से उत्तर बंगाल के आलू व्यवसायियों को कोई लाभ नहीं हुआ. राज्य सरकार ने यहां से सिर्फ पांच हजार टन आलू के निर्यात की छूट दी है और वह भी पश्चिम मेदिनीपुर जिले के दांतन व आसनसोल से ओड़िशा व झारखंड भेजा जा रहा है. लेकिन उत्तर बंगाल के व्यवसायियों के आलू का स्टॉक जस का तस पड़ा हुआ है. मिली जानकारी के अनुसार, उत्तर बंगाल आलू व्यवसायी समिति पिछले सप्ताह से ही हड़ताल पर हैं और वह कोल्ड स्टोरेज से आलू नहीं निकाल रहे हैं. जबकि आलू में निर्यात पर मिली आंशिक छूट के बाद ही पश्चिम बंग प्रगतिशील आलू व्यवसायी समिति ने हड़ताल वापस ले ली थी.
इस बैठक में बंगाल के कृषि विपणन मंत्री अरूप राय ने आलू निर्यात पर लगी रोक को हटाने के संबंध में कोई आश्वासन नहीं दिया, उन्होंने 25 अगस्त तक का समय मांगा है. उन्होंने कहा कि 25 अगस्त को मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के नेतृत्व में महंगाई को रोकने के लिए बनी टास्क फोर्स की बैठक होगी और इस बैठक में मुख्यमंत्री स्वयं इस संबंध में कोई फैसला लेंगी. पंडरा स्थित थोक मंडी में सादा आलू 18 से 19 रुपये व लाल आलू 21 से 22 रुपये प्रति किलो की दर से बिक रहा है. यहां आलू की आवक बेहतर हो गयी है. वहीं खुदरा बाजार में आलू सादा 22 व लाल 24 से 25 किलो की दर से बिक रहा है.