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रांची : कोई अधिकारी प्रताड़ित करे, तो मुझे बताएं
संवाद. अस्पताल संचालक, थोक-खुदरा दवा विक्रेता व फार्मासिस्टों से बोले स्वास्थ्य मंत्री रांची : स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता ने बुधवार को रिम्स ऑडिटोरियम में राज्य के निजी अस्पताल संचालक, थोक व खुदरा दवा विक्रेता, फार्मासिस्टों सहित स्वास्थ्य विभाग से जुड़े कर्मचारियों के साथ संवाद किया. कार्यक्रम शुरू होते ही मंत्री ने सभी सरकारी अधिकारियों से […]
संवाद. अस्पताल संचालक, थोक-खुदरा दवा विक्रेता व फार्मासिस्टों से बोले स्वास्थ्य मंत्री
रांची : स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता ने बुधवार को रिम्स ऑडिटोरियम में राज्य के निजी अस्पताल संचालक, थोक व खुदरा दवा विक्रेता, फार्मासिस्टों सहित स्वास्थ्य विभाग से जुड़े कर्मचारियों के साथ संवाद किया. कार्यक्रम शुरू होते ही मंत्री ने सभी सरकारी अधिकारियों से कहा कि वे इस कार्यक्रम से चले जायें, ताकि लोग अपनी बात खुल कर रख सकें. सबको सुनने के बाद मंत्री ने कहा कि वे खुद एक व्यवसायी परिवार से हैं. इसलिए व्यवसायियों की परेशानी जानते हैं.
मंत्री ने कहा कि ड्रग इंस्पेक्टरों के संबंध में यह सुनने को मिलता है कि उन्होंने मंथली बांध दी है. विभाग से जुड़े लोगों से मेरा कहना है कि वे सुधर जायें, अन्यथा कार्रवाई की जायेगी. व्यवसायियों से कहा कि अगर विभाग का कोई पदाधिकारी या कर्मचारी उन्हें प्रताड़ित करता है, तो मेरे मोबाइल (94311-84676) पर व्हाट्सएेप कर इसकी सूचना दें. ऐसे लोगों का वीडियाे बना कर मुझे भेजें. एक मिनट नहीं लगेगा, ऐसे लोगों को विभाग से चलता करने में.
मंत्री ने कहा : विभाग के लोग सुधर जायें, अन्यथा उन्हें कार्रवाई करने में देर नहीं लगेगी
निजी नर्सिंग होम पर गिद्ध दृष्टि
मंत्री ने कहा कि कुछ अधिकारियों के संबंध में यह शिकायतें मिलती है कि वे बहाने बना कर निजी नर्सिंग होम की जांच करते हैं. उन्हें बस अपना हिडेन एजेंडा पूरा करना होता है. ऐसे अधिकारियों से मेरा कहना है कि वे पहले अपने क्षेत्राधिकार के सरकारी अस्पतालों की हालत देंखें. उसे दुरुस्त करने की कार्ययोजना तैयार करें. तब जाकर हम समझेंगे कि वाकई में वे स्वास्थ्य के क्षेत्र में कुछ बेहतर करना चाहते हैं.
योजनाअों की जानकारी ली : स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता बुधवार की शाम पांच बजे आरसीएच परिसर, नामकुम पहुंचे. वहां इंस्टीट्यूट अॉफ पब्लिक हेल्थ (अाइपीएच) में उन्होंने राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन तथा निदेशालय से जुड़े कार्यक्रमों व योजनाअों की जानकारी ली. अभियान निदेशक डॉ शैलेश चौरसिया, निदेशक प्रमुख स्वास्थ्य (डीआइसी) डॉ जेपी सांगा, राज्य टीबी नियंत्रण पदाधिकारी डॉ राकेश दयाल तथा प्रशासनिक अधिकारी सुमन पाठक सहित अन्य लोगों के साथ मंत्री ने बैठक की.
डॉ वर्णवाल को हटाया जायेगा
कार्यक्रम के दौरान जमशेदपुर के कुछ युवाओं द्वारा झारखंड फार्मेसी काउंसिल के अध्यक्ष डॉ टीपी वर्णवाल की शिकायत पर मंत्री ने कहा कि उन्हें भी इनकी शिकायत मिली है. फार्मासिस्ट काउंसिल में डॉक्टर का क्या काम. यहां तो किसी फार्मासिस्ट को होना चाहिए. डॉ वर्णवाल को यहां वसूली के लिए गलत तरीके से लाया गया है. यह काम पिछली सरकार ने किया है. उन्होंने कहा कि डॉ वर्णवाल को बहुत जल्द हटाया जायेगा.
मंत्री से जो बातें कही गयीं
स्वास्थ्य विभाग में लोगों के लिए सिंगल विंडो सिस्टम लागू हो
मेडिकल प्रोटेक्शन एक्ट लागू किया जाये
जिला अस्पतालों में पीजी की पढ़ाई करायी जाये, इससे स्वास्थ्य व्यवस्था में काफी सुधार होगी.
ट्रॉमा सेंटर में इलाज करने के बाद इसके बिल भुगतान की प्रक्रिया काफी जटिल है. इसमें सुधार हो.
आयुष्मान भारत योजना से जो अस्पताल बाहर रहना चाहते हैं. उन्हें बाहर किया जाये.
अस्पतालों को सब्सिडाइज्ड रेट पर बिजली दी जाये.
विभाग एक मॉनिटरिंग कमेटी बनाये. कमेटी की बैठक हर माह हो, जहां लोग समस्याएं बता सकें
गंभीर बीमारी योजना के लाभ के लिए निर्धारित (अभी चार) बीमारियों की संख्या बढ़ायी जाये
मेडिकल स्टोर में फार्मासिस्ट रखने की बाध्यता समाप्त की जाये
बिहार में अनुभव के आधार पर फार्मासिस्ट की डिग्री लेनेवालों के डिग्री को मान्यता झारखंड में दी जाये
थोक दवा विक्रेताओं के लिए भी फार्मासिस्ट अनिवार्य किया गया है. इससे यहां के सीएनएफ बिहार जा रहे हैं
राज्य में जेनेरिक दवा दुकानों (जन अौषधि केंद्र) की संख्या बढ़ायी जाये
मेडिकल स्टोर का लाइसेंस 10 वर्षों के लिए मान्य हो.
फार्मासिस्टों के लिए गत 20 वर्षो से बहाली नहीं निकली है. मजबूरी में इन्हें दवा दुकानों में छह-सात हजार रुपये पर काम करना पड़ता है. रिक्तियां भरी जाये.
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