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रांची : डिजाइन में कुछ दिखाया बनाया कुछ और : मेयर
मेयर ने रांची नगर निगम के नवनिर्मित भवन का किया निरीक्षण ठेकेदार व जुडकाे के अभियंताओं को खूब खरी-खोटी सुनायी ठेकेदार से कहा : काम करके भागने की हड़बड़ी लगी हुई है मीटिंग हॉल के बीच में बना दिया गया पिलर, होगी दिक्कत रांची : मेयर आशा लकड़ा ने शनिवार को रांची नगर निगम के […]
मेयर ने रांची नगर निगम के नवनिर्मित भवन का किया निरीक्षण
ठेकेदार व जुडकाे के अभियंताओं को खूब खरी-खोटी सुनायी
ठेकेदार से कहा : काम करके भागने की हड़बड़ी लगी हुई है
मीटिंग हॉल के बीच में बना दिया गया पिलर, होगी दिक्कत
रांची : मेयर आशा लकड़ा ने शनिवार को रांची नगर निगम के नवनिर्मित भवन का निरीक्षण किया. इस दौरान भवन की बनावट देख कर मेयर ठेकेदार व जुडकाे के अभियंताओं पर भड़क गयीं. मेयर ने कहा कि जुडको ने स्टेक होल्डर की मीटिंग में जो चीजें दिखायी थी, निर्माण में उसका ध्यान नहीं रखा गया. उसके उलटा बना दिया गया. मेयर ने कहा कि भवन बाहर से जितना खूबसूरत है, अंदर से उतना ही बदसूरत. उन्होंने कहा कि आठ मंजिला भवन बना है, लेकिन छत की हाइट बहुत कम रखी गयी है. आठवें तल्ले पर स्थित हॉल के बीच में भी पिलर डाल दिया गया है. इससे यहां मीटिंग करने में परेशानी होगी.
मेयर ने कहा कि भवन का निर्माण जिस प्रकार से किया जा रहा है, उससे लगता है कि कंपनी केवल काम करके भागना चाहती है. मेयर ने इस निर्माण कार्य में शामिल जुडको, कंपनी के ठेकेदार, पीएमसी समेत अधिकारियों को पांच फरवरी को तलब किया है. मेयर ने इस दौरान ठेकेदार से कहा कि वे उस प्रेजेंटेशन को भी साथ लेकर आयें, जो उसने निर्माण के पूर्व निगम के अधिकारियों को दिखाया था. निरीक्षण के दौरान उप महापौर संजीव विजयवर्गीय, मुख्य अभियंता राजदेव सिंह, कार्यपालक अभियंता रमेश कुमार, अरुण कुमार आदि थे.
भवन निर्माण में भारी घालमेल किया गया : निगम भवन का निर्माण कार्य अंतिम चरण में है. शनिवार को निरीक्षण में यह बात सामने आयी है कि भवन के निर्माण में भारी घालमेल किया गया है. भवन के अंदर में पार्टिशन का काम लकड़ी से किया गया है. जानकार इसे भारी गड़बड़ी बता रहे हैं.
रांची : निगम के टाउन प्लानर मनोज कुमार के नेतृत्व में निगम की टीम ने शनिवार को बड़गाईं और बरियातू क्षेत्र में अवैध रूप से बन रहे भवनों की जांच की. कुल 21 भवनों की जांच की गयी. इसमें से 19 भवनों द्वारा कोई भी नक्शा निगम की टीम को नहीं दिखाया गया. सभी भवनों को नोटिस दिया गया कि वे दो दिनों के अंदर निगम में नक्शा जमा करें, अन्यथा निगम अवैध निर्माण का केस दर्ज करायेगा. वहीं दो बहुमंजिली इमारतों का निर्माण बिना ऑक्युपेंसी सर्टिफिकेट लिये किया गया. पहले 1.42 लाख रुपये का फाइन काटा पैरवी आने पर 35 हजार की रसीद काटी
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