रांची: हाइकोर्ट में गुरुवार को भ्रूण लिंग जांच व गर्भपात की बढ़ती घटनाओं को लेकर स्वत: संज्ञान से दर्ज याचिका पर सुनवाई हुई. चीफ जस्टिस आर भानुमति व जस्टिस अमिताभ कुमार गुप्ता की खंडपीठ में मामले की सुनवाई जारी रही.
इससे पूर्व राज्य सरकार की ओर से अधिवक्ता राजेश कुमार ने खंडपीठ को बताया कि भ्रूण लिंग जांच पर पूर्ण प्रतिबंध के लिए राज्य में प्री नेटल डायग्नोस्टिक एंड टेक्निक एक्ट 1994 को सख्ती से लागू किया गया है. इसकी लगातार मॉनिटरिंग की जाती है.
लोगों को जागरूक भी किया जा रहा है. वहीं एमिकस क्यूरी अधिवक्ता मुकेश कुमार सिन्हा ने सरकार के जवाब का विरोध किया. उन्होंने खंडपीठ को बताया कि सुप्रीम कोर्ट ने राज्य सरकारों को छह मार्च 2013 को निर्देश जारी किया था. निर्देश की प्रति कोर्ट में प्रस्तुत करते हुए कहा कि कोर्ट के निर्देश व राज्य सरकार के जवाब में कोई तालमेल नहीं है.